रायपुर। जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग ने सहारा ग्रुप की कंपनी पर 3. 38 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. मामला निवेशक को मैच्योरिटी राशि का भुगतान नहीं करने और व्यवसायिक कदाचरण व सेवा में निम्नता करार का है।
क्या है मामला
विद्युत नगर दुर्ग निवासी परिवादी भोला प्रसाद चंद्राकर ने सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड की पदमनाभपुर शाखा से क्यू शॉप प्लान एच स्कीम की छह पॉलिसियाँ वर्ष अक्टूबर 2012 में 134300 रुपये जमा करके ली थी। अनावेदक कंपनी के बताए अनुसार 6 वर्ष बाद अक्टूबर 2018 में ब्याज सहित परिपक्वता राशि 317000 रुपये दी जानी थी। परिपक्वता पश्चात परिवादी ने कई बार अपनी मैच्योरिटी रकम की मांग की, परंतु अनावेदक कंपनी के शाखा कार्यालय ने लगातार टाल मटोल किया, अधिवक्ता से नोटिस भी भिजवाया परंतु मैच्योरिटी रकम का भुगतान नहीं किया गया।
अनावेदक का जवाब
अनावेदक ने प्रकरण में जवाब दिया कि परिवादी ने जिस स्कीम में राशि जमा की थी वह ब्याज प्रदान करने वाली स्कीम नहीं है, बल्कि कंपनी का उत्पाद क्रय करने वाली स्कीम है। परिवादी द्वारा स्कीम अवधि 6 वर्ष में कोई उत्पाद क्रय नहीं किया गया, उत्पाद क्रय नहीं करने के कारण परिवादी को लायल्टी बोनस प्वाइंट नहीं मिला जिसके लिए परिवादी स्वयं जिम्मेदार है।
फोरम का फैसला
प्रकरण में पेश दस्तावेजों एवं प्रमाणों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने यह प्रमाणित पाया कि परिवादी द्वारा अनावेदक कंपनी के पास 134300 रुपये जमा किए गए थे। अनावेदक कंपनी ने परिवादी के निवास स्थान वाले शहर में किसी प्रकार के प्रोडक्ट बेचने के लिए स्टोर खोला है यह प्रमाणित नहीं हुआ, ऐसे में कोई व्यक्ति ऐसे किसी प्रोडक्ट को खरीदने हेतु भला क्यों एडवांस राशि जमा करेगा, जो उसे उपलब्ध ही नहीं कराई जा सकती, इसलिए यही माना जाएगा कि परिवादी ने जमा योजना के तहत ही 6 वर्ष के लिए अनावेदक के पास रकम निवेश की थी।
अनावेदक कंपनी इस प्रश्न पर भी मौन रही कि क्या उसने परिवादी को स्वयं द्वारा बेचे जा रहे प्रोडक्ट की सूची प्रदान की थी या फिर उसके द्वारा दुर्ग जिले की सीमा में प्रोडक्ट बेचे जाने संबंधी कोई स्टोर संचालित किए जाते हैं? फोरम ने यह माना कि व्यवसायिक दुराचार के साथ रकम प्राप्त की जाए तो जमा योजना के नियम एवं शर्तें ग्राहक पर बंधनकारी नहीं है इसीलिए परिवादी अपनी परिपक्वता राशि 317000 रुपये पाने का अधिकारी है।
फोरम ने इस मामले में सहारा ग्रुप कंपनी पर 3 लाख 28 हजार रुपये हर्जाना लगाया, जिसमें परिपक्वता राशि 317000 रुपये, मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 20000 रुपये तथा वाद व्यय 1000 रुपये अदा करने का आदेश दिया, उक्त राशि पर 6% वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा।