कर्ण मिश्र, ग्वालियर: PMT परीक्षा में फर्जीवाड़ा मामले में CBI कोर्ट ने फैसला सुनाया है। डॉ. स्वाति सिंह और परीक्षार्थी प्रियंका श्रीवास्तव को 3-3 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही 24200 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि 2010 में स्वाति ने फर्जी तरीके से प्रियंका को PMT की परीक्षा पास कराई थी। फरवरी 2015 में झांसी रोड थाने में मामला दर्ज हुआ था।
व्यापमं कांड के समय एसआईटी को एक गुमनाम पत्र प्राप्त हुआ। इस पत्र के आधार पर एसआईटी ने शैलेंद्र निरंजन नाम के आरोपी से जांच-पड़ताल की। इस पूछताछ के दौरान प्रियंका श्रीवास्तव का फर्जीवाड़ा सामने आया था।
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प्रियंका की जगह स्वाति ने दी थी परीक्षा
मामला 2010 का है जब पीएमटी परीक्षा का आयोजन व्यापमं ने किया था। परीक्षार्थी प्रियंका श्रीवास्तव को पीएमटी परीक्षा पास कराने के लिए विशाल यादव, शैलेंद्र निरंजन और उमेश बघेल नाम के शख्स ने मीडिएटर के रूप में काम किया। प्रियंका को पास करने के लिए सॉल्वर का सहारा लिया गया। डॉ. स्वाति सिंह को ग्वालियर से सॉल्वर के रूप ग्वालियर लाया गया। स्वाति सिंह ट़ॉपर थी। स्वाति ने प्रियंका श्रीवास्तव के स्थान पर परीक्षा दी। जिससे प्रियंका पास हो गई। सीबीआई ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की। लेकिन दोनों ने बच्चों का हवाला देते हुए सजा में नरमी बरतने की गुहार लगाई थी। बता दें सॉल्वर डॉ. स्वाति सिंह बीएचयू की गोल्ड मेडलिस्ट रही है।
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