दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत ने गुरुवार को नियमित जमानत दे दी. केजरीवाल को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. केजरीवाल को कथित आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मार्च में गिरफ्तार किया गया था.
CM अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत को राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है. पार्टी नेताओं का कहना है कि जमानत मिलने से आप में नई ऊर्जा आएगी. खासकर दिल्ली में विकास से जुड़े प्रोजेक्ट पर अब तेजी से कम हो पाएगा. दिल्ली में महिलाओं को 1000 रुपए देने का रास्ता भी साफ हो सकेगा. साथ ही, मोहल्ला बस सर्विस और ई व्हीकल पॉलिसी जैसी अहम योजनाएं भी आगे बढ़ेंगी.
मुख्यमंत्री के जेल जाने के बाद कैबिनेट बैठक नहीं हो पा रही थी, जिसके चलते कई अहम कार्य बीच में रुके हुए थे. इनमें सबसे अहम और बड़ा फैसला महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह दिए जाने का है केजरीवाल सरकार ने बजट में घोषणा की थी, इस योजना पर आगे कोई फैसला नहीं हो सका, लेकिन अब जमानत मिलने के बाद जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है.
दिल्ली में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलना राजनीतिक रूप से काफी अहम है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में पानी का संकट हो या फिर अन्य विकास कार्य. तमाम मुद्दों पर आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री के जेल जाने के बाद से संघर्ष कर रही है, लेकिन अब इन तमाम मुद्दों पर राजनीतिक रूप से पार्टी कहीं अधिक मजबूती के साथ खड़ी होगी. हरियाणा में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें पार्टी अकेले चुनाव मैदान में पूरी मजबूती के साथ उतर सकती है.
झारखंड और महाराष्ट्र में गठबंधन के साथ ही दलों के साथ मिलकर अब नई राजनीतिक चुनौती BJP के लिए खड़ी कर सकती है. पार्टी संसद सत्र में भी आक्रामक रुख अपनाएगी. पंजाब से आप के तीन लोकसभा सांसद जीते हैं. साथ ही, इंडिया गठबंधन के साथ जाने और अलग अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अब अहम फैसले सीधे अरविंद केजरीवाल की निगरानी में हो सकेंगे.
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