रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों की हड़ताल का आज पांचवा दिन है. पांचवे दिन शिक्षाकर्मियों ने भारतीय जनता पार्टी की ओर जारी किए गए घोषणा-पत्र को लेकर प्रदर्शन किया. भाजपा ने 2003 और 2008 के घोषणा-पत्र में शिक्षाकर्मियों के संविलियन को शामिल किया था. शिक्षाकर्मियों ने धरना स्थल पर भाजपा के इस घोषणा-पत्र की कॉपियां लहराई और सरकार को वादा याद दिलाते हुए हल्ला बोला.

शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय संचालक केदार जैन ने कहा कि सरकार अपने किए वादे मुकर रही है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 2003 और 2008 में ये वादा किया था कि शिक्षाकर्मियों का शासकीयकरण किया जाएगा. इसके साथ ही उनका शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाएगा.  2012-13 के आंदोलन के बाद सरकार ये आश्वासन भी दिया था. लेकिन आज सरकार संविलियन नहीं करने की बात कह रही है.

केदार जैन ने कहा कि सरकार शिक्षाकर्मियों के साथ धोखा कर रही है. सरकार अगर शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को दबाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी तो आंदोलन और उग्र होगा. शिक्षाकर्मी इस बार किसी तरह के सरकारी झांसे में नहीं आने वाले हैं. शिक्षाकर्मी अब परिवार सहित प्रदर्शन करने पहुँचेंगे.

संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि सरकार को हम चेतावनी देते हैं कि अगर सरकार का रवैय्या अड़ियल रहा, तो शिक्षाकर्मी भी अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं. शिक्षाकर्मी संघ व्यापक रणनीति बना रहा है. संघ ने तय किया है कि सरकार दमन के आगे झूंकेंग नहीं. अब प्रदेश भर से शिक्षाकर्मी परिवार सहित राजधानी पहुँचेंगे.

संघ के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने भी कहा शिक्षाकर्मी सरकार नहीं डरने वाले हैं. प्रदेश भर में शिक्षाकर्मियों के आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. बस्तर लेकर सरगुजा और राजनांदगांव से लेकर रायगढ़ तक सभी शिक्षाकर्मी एकजुट हैं. 2012 से ज्यादा दुगनी ताकत के साथ हम सरकार से लड़ेंगे.

वहीं शिक्षाकर्मी संघ की ओर से परीविक्षा अवधी वाले शिक्षाकर्मियों को स्कूल ज्वाइन करने के निर्देश भी दिए हैं. संघ की ओर कहा गया कि जिन शिक्षाकर्मियों को अभी 2 साल नहीं हुआ वे चाहे तो अपना स्कूल ज्वाइन कर सकते हैं. संघ की ओर से यह भी कहा गया कि चुंकि प्रदेश में करीब 3 हजार शिक्षाकर्मी ही परीविक्षा अवधी वाले लिहाजा उनके स्कूल जाने से हड़ताल पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

सरकार ने परीविक्षा अवधी वाले शिक्षाकर्मियों के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है.  कल तक स्कूल ज्वाइन नहीं करने वाले शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने चेतावनी सरकार ने दी है.