सत्या राजपूत, रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है. सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से होने वाली मौतों में कमी आई है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने लल्लूराम डॉट कॉम की मुहिम पर संज्ञान लिया था. आपातकालीन व्यवस्था के बाद अब उन्होंने बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए शोध समिति गठित की है. आपात व्यवस्था के लिए 8 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. एमडी एनएचएम की अध्यक्षता और कलेक्टर की निगरानी में विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है, जो सूपेबेड़ा के मिट्टी, पानी और वातावरण पर रिसर्च करेगी.
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने लल्लूराम डॉट कॉम को धन्यवाद देते हुए कहा कि लल्लूराम डॉट कॉम ने मुहिम बनाकर इस मुद्दे को उठाया. सरकार बनने के बाद हमें इसके बारे में अवगत कराया गया, जिसके बाद तत्कालीन सूपेबेड़ा में राहत की व्यवस्था की गई. इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है और किडनी की बीमारी के उपचार और इससे छुटकारा पाने के लिए दूसरे चरण में काम जारी है.
मृत्यु दर में कमी
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान करीब 160 लोगों की मौत हुई, फिर भी कोई समाधान नहीं हुआ. भाजपा सरकार बनते ही तत्काल संज्ञान लिया गया और वहीं इलाज की व्यवस्था की गई. रायपुर से 200-250 किलोमीटर दूर स्थित सूपेबेड़ा क्षेत्र में डायलिसिस के लिए अब मरीजों को रायपुर नहीं आना पड़ता. यहां तत्काल डायलिसिस मशीनें लगाई गई और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नियुक्त की गई है. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में एंबुलेंस सेवा भी तैनात की गई है, जिससे मौतों की दर में कमी आई है.
मंत्री जायसवाल ने बताया कि सुपेबेड़ा और देवभोग में पहले से किडनी रोग से पीड़ित मरीजों का इलाज किया गया है. अब मरीजों को रायपुर का दौरा नहीं करना पड़ता है, वहीं तत्कालीन इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है. गंभीर स्थिति होने पर मरीजों को रेफर भी कर दिया जाता है.
शोध के लिए राशि निर्धारित
उन्होंने बताया कि पहले चरण में तत्कालीन व्यवस्था की गई थी. अब दूसरे चरण में बीमारी को खत्म करने के लिए शोध रिसर्च किया जाएगा. इसके लिए 8 करोड़ निर्धारित कर दी गई है.
शोध के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए और बीमारी की वजह जानने के लिए शोध बहुत जरुरी है. इसलिए वहां के वातावरण जल ,जंगल, जमीन के साथ ही लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा और लिया जा रहा है. उन्होंने बताया किदेश के बड़े-बड़े संस्थान जो शोध करते हैं उनके विशेषज्ञ इस कमेटी में शामिल रहेंगे. नेशनल हेल्थ मिशन के MD और जिला कलेक्टर की अगुवाई में कमेटी काम करेगी. इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है.
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