पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. गरियाबंद जिला प्रशासन का बागडोर अब एक और कलेक्टर के हाथों सौंप दिया गया है. आईएएस आकाश छिकारा के अल्प कार्यकाल के बाद अब जिला प्रशासन का बागडोर नए आईएएस दीपक अग्रवाल के हाथों होगा. जारी आदेश के बाद जिला प्रशासन आज तत्कालीन कलेक्टर आकाश छिकारा की विदाई व नए कलेक्टर के स्वागत में जुटा हुआ है. इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ व सहकारिता प्रकोष्ठ के नेता मुरली धर सिन्हा का दर्द सोशल मीडिया पर छलक पड़ा है. सिन्हा ने लिखा कि 11 साल के जिले में अब 11 वे कलेक्टर का आगमन हो रहा है, लेकिन इस 11 साल में जिला चलना तो दूर रेंगना तक नहीं सिख पाया.

लंबित पड़ी योजनाओं का उदाहरण देकर बताया, अस्थिर प्रसाशन का खामियाजा

सिन्हा ने लंबित पड़ी सेनमूडा पूल, अधर में लटकी बेलाट जोर समेत पहुंच विहीन इलाके के 8 पुलों के नाम गिनाए, जिसके लिए सालभर पहले बजट में प्रावधान होने के बावजूद कार्य की फाइल कलेक्टोरेट में धूल खाते पड़ी हुई है. जिले में अब भी कई विशेष न्यायालय की मंजूरी नहीं मिली. कलेक्टर के अधीन वाली नजूल व नगर निवेश विभाग का शाखा आज भी रायपुर जिले में है.

आरोप, करप्शन ने पसार लिए हैं पांव

मुरलीधर सिन्हा ने अविभाजित रायपुर जिला के समय तत्कालीन कलेक्टर नजीब जंग द्वारा किसान के भेष में गरियाबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में किए गए छापामार कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि, एक छापे में सिस्टम दुरुस्त हो गया, लेकिन अब ऐसी कार्यवाही गरियाबंद जिला में नहीं दिखता. अब कलेक्टर को समय सीमा, जन चौपाल और बैठक से फुर्सत नहीं है, सारे मैदानी अधिकारियों का समय कलेक्ट्रेट में गुजर जाता है. आज जिले में सिंचाई, लोक निर्माण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, वन, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल ऐसे अनेक विभागों में विकास दिखता नहीं है. कहीं गुणवत्ता ठीक नहीं तो कहीं लक्ष्य से कम कार्य हो रहे हैं. राजिम पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा राजिम, रावण हथखोज मार्ग में करोड़ो के लागत से बन रहे मार्ग के कछुवा चाल की गति 4 साल बाद भी सुधरी नहीं है. बावजूद अधिकारी व ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुआ, ऐसे में समय सीमा की बैठकों में समय जाया को बे फजूली बताया.