वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. जिला उपभोक्ता आयोग बिलासपुर ने टाटा कंपनी की टाटा पंच ईवी कार में निकली खामी पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कार में खामी पर टाटा मोटर्स लिमिटेड को सेवा में कमी का दोषी ठहराया है। उपभोक्ता आयोग ने बुजुर्ग डॉक्टर के मामले में कंपनी को टाटा पंच ईवी में निकली खामी की पूरी रकम लौटाने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता डॉ. स्वप्न कुमार ने बताया कि कार बेचते समय कंपनी ने एक बार चार्ज करने पर 421 किमी रेंज का दावा करते हुए कार बेची थी, लेकिन वास्तव में कार 200 किमी भी नहीं चल पाती थी। डेढ़ साल में 10 से ज्यादा बार कार खराब हुई।

राजीव गांधी चौक बिलासपुर निवासी 71 वर्षीय डॉ. स्वप्न कुमार दत्ता ने अधिवक्ता एचएपीएस भाटिया के माध्यम से आयोग में मामला प्रस्तुत किया है, जिसमें बताया गया है कि उन्होंने 22 फरवरी 2024 को जेडी ऑटोनेशन से 16.25 लाख रुपए खर्च कर टाटा पंच ईवी कार खरीदी थी। गाड़ी खरीदने के कुछ ही दिनों बाद उसमें लगातार खामियां सामने आने लगी। कंपनी ने 421 किमी की रेंज का दावा किया था, लेकिन कार मुश्किल से 200 किमी चल पाती थी। एसी भी ठीक से काम नहीं करती थी। अचानक बंद हो जाती थी। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल हो जाता था।

कार की कीमत नहीं लौटाने पर देना होगा 9% वार्षिक ब्याज

इस मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष आनंद कुमार सिंघल, सदस्य पूर्णिमा सिंह और आलोक कुमार पांडेय की पीठ ने टाटा पंच ईवी में निकली खामी पर टाटा मोटर्स को 45 दिन के भीतर डॉ. दत्ता को कार की पूरी कीमत 16 लाख 25 हजार 604 रुपए लौटाने के आदेश दिए हैं। राशि लौटाने के बाद ही कंपनी वाहन को अपने कब्जे में ले सकेगी। देरी होने पर 9% वार्षिक ब्याज देना होगा। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 25000 रुपए और वाद व्यय के लिए 10000 हजार रुपए परिवादी डॉक्टर दत्ता को देना होगा।

कंपनी ने 50 हजार रुपए का चार्जर जबरन बेचा

आयोग ने दोनों पक्षों के दस्तावेजों का परीक्षण किया और पाया कि कार में शुरू से ही निर्माण से संबंधित दोष थे। सर्विस सेंटर के जॉब कार्ड से साबित है कि कार बार-बार खराब हो रही थी। 15 नवंबर और 11 दिसंबर 2024 को पूरा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल हुआ। 7 फरवरी 2025 को कार पूरी तरह बंद हो गई और जुलाई 2025 तक गाड़ी महज 8145 किमी ही चली। कम उपयोग के बावजूद गाड़ी में लगातार खामियां आने से स्पष्ट है कि निर्माण संबंधी दोष था। डॉ. दत्ता ने बताया कि टाटा पंच ईवी में निकली खामी के लिए उन्हें 17 महीनों में 10 से ज्यादा बार कार को सर्विस सेंटर ले जाना पड़ा, लेकिन कार में आने वाली समस्या दूर नहीं हुई। उन्हें कंपनी ने 50 हजार रुपए का चार्जर जबरन बेचा।