नई दिल्ली। भारत में मानसून की पहली फुहार केरल की धरती पर पड़ती है. इस बार सामान्य मानसून की बात कहते हुए 4 जून को फिर 7 जून को केरल पहुंचने की संभावना जताई गई थी. लेकिन अब तक मानसून की आहट सुनाई नहीं दी है. मौसम विभाग ने इसके पीछे कारणों का खुलासा करते हुए आठ जून को मानसून के केरल पहुंचने की बात कही है.

मौसम विभाग का कहना है कि पहले बादलों और हवाओं की स्थिति से ऐसा लग रहा था कि 4 जून तक मानसून केरल पहुंच जाएगा लेकिन बाद में अरब सागर में बदलाव देखने को मिला. अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से बादल कम हो गए. बीते 24 घंटे में केरल के तटों पर बादल कम हो गए हैं.

मौसम विभाग का कहना है कि बादल कम दबाव वाले क्षेत्र में इकट्ठा हो गए हैं. बहरहाल, विभाग इस बात पर नजर बनाए हुए है कि कब बादल उत्तर की तरफ बढ़ते हैं, और केरल में मानसूनी बारिश शुरू होती है.

मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि 8 जून तक मानसून केरल पहुंच जाएगा.उन्होंने कहा कि सारी कंडिशन ऐसी ही बन रही हैं कि 8 जून तक मानसून केरल पहुंच जाएगा.केरल में अच्छी बारिश देखी जाएगी.यह भी गौर करने वाली बात है कि मानसून देर से पहुंचन पर बारिश पर भी फर्क पड़ता है. पहले भी कहा जा रहा था कि अल नीनो की वजह से इस बार कम बारिश हो सकती है.

आम तौर पर 1 जून को मानसून केरल पहुंच जाता है. यह तेजी से उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई तक पूरे भारत को कवर कर लेता है. 16 मई को मौसम विभाग ने 4 जून को मानसून केरल पहुंचने की भविष्यावाणी की थी.