नितिन नामदेव, रायपुर. सामान्य वर्ग हित सुरक्षा आंदोलन समिति ने आरक्षण मुद्दे को लेकर मंगलवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. इस दौरान सामान्य वर्ग हित सुरक्षा आंदोलन के वेद राजपूत ने कहा कि आरक्षण का जब से मुद्दा उठा है, जितने सामान्य वर्ग के सामाजिक संगठन हैं, सभी ने ये बात रखने का प्रयास किया है कि आरक्षण जो है, संविधान के अनुरूप है. सुप्रीम कोर्ट की बार बार ये गाइडलाइन है कि आरक्षण 50% होना चाहिए. 58% प्रतिशत आरक्षण जो 2012 में दिया गया था वह आसंवैधानिक है. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से विधेयक पर साइन ना करने की अपील की है.

वेद ठाकुर ने बताया कि सामान्य वर्ग के साथ भी किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, इसके संबंध में हमने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा है कि संविधान की रक्षा करनी है, इसी को लेकर आज हम भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के नीचे पहुंचकर माल्यार्पण भी किए हैं. ताकि संविधान की गरिमा बनी रहे. कोई भी संविधान को तोड़ मरोड़कर गलत कानू ना बनाएं. जिससे जितने भी सामाजिक संगठन हैं, विभिन्न वर्ग हैं, उनकी रक्षा हो पाए.

प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से मांग की है कि सरकार इस अधिनियम को वापस ले. नहीं तो हमारे पास न्यायिक प्रक्रिया है. जिसके साथ हम आने वाले समय में चुनाव में जो राजनीतिक दल हैं, चुनाव के साथ जो नहीं खड़े हैं, उनका पूर्ण तरीके से हम विरोध करेंगे. सरकार इसे वापस ले, क्योंकि ये असंवैधनिक है. जब 58% आरक्षण असंवैधनिक घोषित हो चुका है 75% आरक्षण वैधानिक कैसे हो सकता है ?