नई दिल्ली. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, ग्राउंड लेवल ओजोन (O3) नियमित रूप से दिन की अवधि के
दौरान दिल्ली के प्रमुख प्रदूषक के रूप में उभरना शुरू हो गया है, खासकर अच्छी बारिश के बाद। इस अवधि के दौरान ओजोन की उपस्थिति ने दिल्ली की हवा को “अच्छी” श्रेणी में आने से रोक दिया. यही कारण है कि दिल्ली की हवा पंद्रह दिन बाद फिर से खराब श्रेणी में पहुंच गई है.
सीपीसीबी के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के पार रहा. अगले दो दिनों के बीच भी वायु गुणवत्ता का स्तर इसी के आसपास रहने की संभावना है.
इस बार दिल्ली के लोगों को फरवरी में असामान्य गर्मी और बारिश की कमी के चलते सामान्य से ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ा था. लेकिन, 16 मार्च के बाद हल्की बारिश का दौर शुरू होने के चलते वायु गुणवत्ता साफ-सुथरी हो गई थी. 24 मार्च को वायु गुणवत्ता सूचकांक 205 यानी खराब श्रेणी में रहा था. इसके बाद से लगातार ही सूचकांक 200 से नीचे यानी मध्यम या संतोषजनक श्रेणी में रहा, लेकिन अब पिछले दिनों हुई बारिश का असर तेजी से कम हो रहा है. हवा में मौजूद धूल कणों और हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषक कणों का बिखराव धीमा हुआ है. इसके चलते प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है.