Delhi Air Pollution Supreme Court Update: दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है और इसका असर आम लोगों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक महसूस किया जा रहा है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने खुद माना कि प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि सुबह की सैर पर जाना भी परेशानी भरा हो गया है. उनका कहना था कि टहलते समय उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी है.
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने भी प्रदूषण की मार का जिक्र करते हुए कोर्ट से अपील की कि कुछ समय के लिए सुनवाई वर्चुअल मोड में कर दी जाए. उन्होंने बताया कि उन्हें गंभीर कंजेशन है और इसी वजह से कोर्ट आना मुश्किल हो रहा है. उनका कहना था कि उनके सहयोगी नोट्स ले लेंगे.
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कपिल सिब्बल ने भी यही बात दोहराई और कहा कि दिल्ली की हवा हमारी सेहत पर बुरा असर डाल रही है और हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं.
इस पर CJI ने माना कि वह भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि मॉर्निंग वॉक के बाद उन्हें असामान्य रूप से सांस फूलने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. CJI ने कहा कि अगर बार एसोसिएशन सहमत हो जाता है, तो सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को वर्चुअल मोड में शिफ्ट करने के बारे में औपचारिक फैसला ले सकता है. उन्होंने बताया कि शाम को होने वाले संविधान दिवस कार्यक्रम में वह यह मुद्दा बार अधिकारियों के सामने भी रखेंगे.
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वरिष्ठ वकील द्विवेदी ने एक और सुझाव दिया की 60 साल से अधिक उम्र के वकीलों को फिलहाल कोर्ट आने की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दी जानी चाहिए.
इधर, बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पीएमओ भी एक्टिव हो गया है. प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें साफ किया गया कि प्रदूषण के स्रोतों पर नियंत्रण के लिए पीएमओ सीधे मॉनिटरिंग कर रहा है.
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CPCB के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार सुबह इंडिया गेट पर एक्यूआई 328, एम्स-सफदरजंग अस्पताल पर 323, आनंद विहार में 402, आईटीओ में 380 दर्ज किया गया. वहीं, नोएडा का AQI 397 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है.
यह स्तर डॉक्टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा तथा सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए.
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