Delhi Air Pollution Update: प्रदूषण के कारण दिवाली (Diwali) से पहले दिल्ली ‘धुंआ-धुंआ’ हो गई है। जी हां.. दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण हवा जहरीली (Delhi air has become poisonous) होती जा रही है। दिल्ली में आज भी AQI 300 से ज्यादा है और आगे प्रदूषण और बढ़ने की संभावना है। इसके कारण लोगों को दम घुटने जैसी समस्या आ रही है।
पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर, 2024 तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच जाएगी। पटाखे और पराली जलाने जैसे कारक स्थिति को और खराब कर सकते हैं। ऐसे में कई जगहों पर प्रदूषण से हालात गंभीर हो सकते हैं। इससे 30 अक्टूबर तक प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच सकता है।
सोमवार की सुबह दिल्ली का ओवरऑल औसत AQI 330 दर्ज किया गया। वहीं, राजधानी के कई इलाकों में एक्यूआई 350 के पार चला गया है। दिल्ली में सोमवार को अधिकतम एक्यूआई 380 बवाना का दर्ज किया गया है। दिल्ली के सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों में बवाना (380), जहांगीरपुरी (370), मुंडका (367), सोनिया बिहार (366), नेहरू नगर (362) और अशोक विहार (361) हैं। इन इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के पार दर्ज किया गया। हवा की गुणवत्ता इन इलाकों में बेहद खतरनाक श्रेणी में है। यह समस्या कोई पहली बार नहीं है। हर साल दिल्ली में प्रदुषण की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इन 13 इलाकों में खतरनाक स्तर पर AQI
- दिल्ली ओवरऑल- 330
- आनंद विहार- 358
- अशोक विहार- 361
- बवाना- 380
- बुराड़ी- 364
- जहांगीरपुरी- 370
- मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम- 350
- मुंडका- 367
- नेहरू नगर- 359
- आरके पुरम- 362
- रोहिणी- 357
- सोनिया विहार- 366
- विवेक विहार- 356
- वजीरपुर- 362
सांस लेने में हो रही परेशानी
लगातार बिगड़ती हवा से लोग परेशान हो रहे हैं। बुजुर्ग और बच्चों को सांस लेने में तकलीफ और खांसी जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। दिवाली के बाद से हालात और बिगड़ने की आशंका है। दिल्ली में पीजीडीएवी कॉलेज के इलाके में एक्यूआई-05 दर्ज किया गया है, जो कि सबसे कम है. वहीं, इस एरिए की हवा की गुणवत्ता अच्छी है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के सूर्य नगर में अधिकतम एक्यूआई 236 दर्ज किया गया है।
प्रदूषण का असर और कैसे करें बचाव?
वायु प्रदूषण के कारण सांस से जुड़ी बीमारियां, किडनी फेलियर, हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन, त्वचा में रूखापन, जलन, प्री-मेच्योर डिलीवरी होने का खतरा बढ़ जाता है। दिल, दमे के मरीजों और गर्भवती महिलाओं को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए जितना हो सके घर के अंदर रहें। मास्क लगाकर घर से बाहर निकलें। हवा साफ रखने वाले पेड़-पौधे लगाएं। फेफड़े सुरक्षित रखने के लिए भाप लें और अपने रुटीन में योग शामिल करें। पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाएं और गुनगुना पानी पिएं।
हवाओं के साथ रहेगा स्मॉग
इस अवधि के दौरान, दक्षिण-पूर्व से आने वाली प्रमुख सतही हवाओं की गति 28 अक्टूबर को 8 किमी प्रति घंटे रहने की उम्मीद है, जो धीरे-धीरे 30 अक्टूबर तक 6 से 12 किमी प्रति घंटे के बीच हो जाएगी। इन हवाओं के साथ सुबह स्मॉग भी रहेगा लेकिन आसमान साफ रहेगा, जिससे प्रदूषण के स्तर को कम करने में बहुत कम मदद मिलेगी। हवाओं की धीमी गति और दिशा, साथ ही सुबह के समय धुंध का बनना, रात भर जमा होने वाले प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव में बाधा डालता है। अगले कुछ दिनों में 1500 से 1550 मीटर तक की अधिकतम मिश्रण गहराई का पूर्वानुमान लगाया गया है। साथ ही लगातार कम वेंटिलेशन इंडेक्स भी प्रदूषण फैलाने वाले कारकों को कम करने के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का संकेत देता है। वेंटिलेशन इंडेक्स, जो 30 अक्टूबर तक 2800 m²/s तक कम हो जाएगा, फैलाव में अनुकूल परिस्थितियों के लिए आवश्यक सीमा से नीचे है, जो वायु गुणवत्ता को कम करने के लिए बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता को उजागर करता है।
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