नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने इस बार पद्म पुरस्कारों के लिए केंद्र सरकार से सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों के नामों को भेजने का  निर्णय लिया है. इतना ही नहीं इस सम्मान के लिए आम जनता से सहमति ली जाएगी. दिल्ली का कोई भी नागरिक किसी भी डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी का नाम 15 अगस्त तक पूरी जानकारी के साथय़ [email protected] पर भेज सकता है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से चर्चा में बताया कि दिल्ली सरकार पूरे देश में अकेली सरकार है, जिसने कोरोना काल में लोगों की सेवा करते-करते शहीद हुए स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी है. अब डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों का सम्मान करने का समय है कि हम सब उनके कितने शुक्रगुजार हैं.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि मैं कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को जानता हूं, जो कई-कई दिनों तक अपने घर नहीं गए. उन लोगों ने रात-दिन, 24 घंटे मेहनत करके हमलोगों की जान बचाई. कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी लोगों की सेवा करते-करते खुद कोरोना संक्रमित हो गए और वे दुनिया छोड़कर चले गए, शहीद हो गए. पूरा देश और सारी इंसानियत इनकी कर्जदार है. इनका जितना शुक्रिया अदा करें, उतना कम है.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में सर्च एंड स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है. स्क्रीनिंग के बाद 15 सितंबर से पहले केंद्र को नाम भेजा जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पद्मश्री अवार्ड के लिए केंद्र सरकार जनता से भी नाम मंगवाती है, और सभी राज्य सरकारों को भी लिखती है कि अगर राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य से किसी ऐसी हस्ती का नाम देना चाहें, तो राज्य सरकारें भी अपनी तरफ से पद्म अवार्ड के लिए नाम भेजती हैं. दिल्ली सरकार ने तय किया है कि इस बार हम केवल डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों के नाम पद्म अवार्ड के लिए भेजेंगे.

इसे भी पढ़ें : केजरीवाल सरकार ने फीस वृद्धि पर लिया कड़ा निर्णय, करेगी स्कूल का अधिग्रहण…