Delhi Assembly Elections 2025 ‘M’ Factor: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए हलचल तेज हो गई है। जैसे जैसे तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक पार्टियों ने अपने तैयारियां भी तेज कर दी है। बात करें दिल्ली इलेक्शन में फैक्टर की तो M फैक्टर यानी मुस्लिम फैक्टर गेम चेंजर साबित हो सकता हैं। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस समेत असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की नजर मुस्लिम वोटरों पर है। आइए जानते है कि दिल्ली में कितनी और कौन-कौन सी सीट मुस्लिम बहुल्य है।

दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीट है। जिसमें करीब 7 सीटें ऐसी है जो कि मुस्लिम बहुल सीट है। इनमें सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, मटिया महल, बाबरपुर, बल्लीमारान और चांदनी चौक विधानसभा सीट शामिल हैं। सीलमपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों का काफी प्रभाव है। एक समय दिल्ली में मुस्लिम वोटर कांग्रेस का होता था, लेकिन बाद में AAP के पास चली गया। इस सीट पर अल्पसंख्यकों वोटरों को लुभाने के लिए 13 जनवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रैली की थी।

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AAP को मुस्लिम वोटर छिटकने का डर

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को मुस्लिम वोटर छिटकने का डर है। ऐसा इसलिए क्यों कि दिल्ली में 2020 में दंगे हुए थे। इन दंगों को दिल्ली का मुस्लिम वोटर अभी तक भूला नहीं है। 2020 में दिल्ली दंगों पर AAP मूक दर्शक बन गई थी। इसके अलावा आम आदमी पार्टी का हिंदुत्व की ओर झुकाव भी खेल बिगाड़ सकता है। अरविंद केजरीवाल ने पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपये हर महीने देने की घोषणा की है। वहीं मौलवियों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। इसे लेकर मौलवियों ने प्रदर्शन भी किया था।

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AIMIM, कांग्रेस और AAP का बिगाड़ सकती है खेल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में असुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ सकती है। ओवैसी की नजर भी मुस्लिम बहुल सीटों पर है। ओवैसी ने ताहीर हुसैन मुस्तफाबाद से टिकट दिया है। दिल्ली दंगों के दौरान ताहीर हुसैन काफी चर्चा में रहे थे। इसके अलावा करावल नगर से इशरत जहां को प्रत्याशी बनाया है। भले ही दिल्ली चुनाव में AIMIM पूरी सीटों पर नहीं लड़ रही हो लेकिन मुस्लिम सीटों पर AAP और कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है।

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किस ओर मुस्लिम वोटर का झुकाव

दिल्ली में मुस्लिम वोटरों का झुकाव एक समय पर कांग्रेस की ओर था, लेकिन बाद में आम आदमी पार्टी की तरफ हो गया। बीते दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। कांग्रेस ने खाता भी नहीं खोला था। साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव AAP ने 62 सीटें जीती थी। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 8 सीटों पर कब्जा जमाया था। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे। अब देखना होगा कि दिल्ली का मुस्लिम वोटर किसका साथ देता है।