Delhi Assembly Elections: दिल्ली के चुनावी दंगल के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. AAP और कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन भाजपा में अभी भी मंथन चल रहा है. राष्ट्रीय नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को तीन दिनों तक चर्चा की अब पार्टी कभी भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है.
उम्मीदवारों की लिस्ट पर विचार
BJP सूत्रों के हवाले से बताया कि बीते रविवार को कई घंटों तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी एल संतोष और दिल्ली के भाजपा प्रभारी बैजयंत पांडा ने राजधानी की कई विधानसभा सीटों के लिए पार्टी के 70 उम्मीदवारों की सूची पर चर्चा की, जो किसी भी समय घोषित की जा सकती है.
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शाह और RSS के वरिष्ठ नेता अरुण कुमार ने मंगलवार को एक बार फिर चर्चा की, जिसके बाद अंतिम सूची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विचार के लिए दी गई है. एक अंदरूनी सूत्र ने कहा. “BJP के लिए दिल्ली चुनाव का क्या महत्व है, इसका पता इस बात से चलता है कि पिछले 3 दिनों में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ-साथ RSS ने प्रत्येक उम्मीदवार की व्यक्तिगत रूप से जांच की है, जबकि दिल्ली इकाई के साथ बहुत कम या कोई संपर्क नहीं है,”
PM लेंगे आखिरी फैसला
‘अमित शाह ने खुद चर्चाओं का नेतृत्व किया जो रविवार और मंगलवार को कई घंटों तक चली. बैठक के बाद (संभावित उम्मीदवारों के) नाम PM मोदी, गृह मंत्री और अरुण (कुमार) जी के साथ शेयर किए गए हैं. अब पीएम अंतिम फैसला लेंगे.’ पार्टी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति गुरुवार को या इस हफ्ते के अंत में बैठक करेगी, जो संभावित उम्मीदवारों पर अंतिम निर्णय लेगी. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल्ली में कम से कम 2 रैलियों को संबोधित करेंगे.
फरवरी में होगा तारीखों का ऐलान
चुनाव फरवरी में होंगे, और चुनाव आयोग जनवरी की शुरुआत में तारीखें घोषित कर सकता है. 6 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी, और जल्द ही नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. आप ने सभी 70 सीटों के लिए उम्मीदवारों को घोषित कर दिया है. कांग्रेस ने 21 नामों की सूची जारी की है, और एक या दो दिन में दूसरी सूची आने की उम्मीद है. बीजेपी भी जल्द से जल्द अधिकांश नामों की घोषणा करने की कोशिश कर रही है, ताकि उम्मीदवारों को तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
बीजेपी 1998 से दिल्ली की सत्ता से है बाहर
1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर बीजेपी आम आदमी पार्टी को पछाड़ने की पूरी कोशिश कर रही है, लगातार दो बार सरकार बना चुकी है: 2015 में 67 सीटें और 2020 में 62 सीटें. 2014, 2019 और 2024 में सभी सात लोकसभा सीटें जीतने के बावजूद, बीजेपी 2015 में केवल तीन और 2020 में आठ सीटें जीत पाई.
बीजेपी के लिए दिल्ली की सत्ता में वापसी एक बड़ी चुनौती है. यह देखना होगा कि पार्टी किस रणनीति के साथ मैदान में उतरती है और क्या वह अपने बढ़ते प्रभाव को रोक पाती है. जनता की भावना चुनाव के नतीजे बताएंगे, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि दिल्ली का चुनावी क्षेत्र बहुत गर्म रहने वाला है.
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