नई दिल्ली . दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय मानसून सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. दिल्ली सेवा विधेयक पर नया कानून बनने के बाद यह सत्र खूब हंगामेदार होने वाला है.
जहां सत्ता पक्ष दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकारों को लेकर आवाज उठाने की तैयारी कर रहा है, वहीं विपक्ष सत्ता पक्ष से जनता के सवालों को लेकर घेरने की तैयारी में है. विपक्ष का आरोप है कि विधानसभा में जनता के सवालों को पूछने का मौका नहीं दिया जा रहा है.
मानसून सत्र 16 से 17 अगस्त तक चलेगा. सूत्रों की मानें तो इस दौरान दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकारों को लेकर सत्ता पक्ष प्रस्ताव लाकर चर्चा करा सकती है, क्योंकि संसद में दिल्ली सेवा विधेयक पास होने के बाद अब दिल्ली में सरकार मतलब एलजी है. दिल्ली सरकार में तबादले से लेकर तैनाती और सभी फाइलों को एलजी के पास भेजना अनिवार्य हो गया है. इसे लेकर दिल्ली सरकार लगातार विरोध कर रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा कर दी है कि चुनी हुई सरकार के अधिकारों को वापस दिलाने की उनकी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में जारी रहेगी. वहीं, विपक्ष पूरे विधानसभा सत्र में सरकार को अपने सवालों से घेरने की तैयारी में है.
अनुपूरक बजट प्रस्ताव आने की उम्मीद दिल्ली विधानसभा में अनुपूरक बजट प्रस्ताव भी आने की उम्मीद है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले तिमाही बीत जाने के बाद कुछ विभागों ने बजट की कमी बताई है. इसे लेकर बजट प्रस्तावों को नए सिरे से पैसा अलॉट करने के लिए यह अनुपूरक बजट आ सकता है. इसमें दिल्ली में पूंजीगत योजनाओं के बजट बढ़ाने का प्रस्ताव भी आ सकता है, जो कि 10 हजार करोड़ रुपये होगा.
भाजपा विधायक को डेढ़ साल तक बाहर रहना पड़ा
बिधूड़ी ने कहा कि जानबूझकर सत्रावसान नहीं किया जाता. इसके चलते अगर किसी विधायक को एक सत्र के लिए निलंबित किया जाता है तो फिर सत्रावसान न करने के लिए वर्षों तक विधायक सदन से बाहर रहते हैं. भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा को 31 मार्च 2016 को दो सत्रों के लिए निष्कासित किया गया, सत्रावसान नहीं होने के कारम उन्हें डेढ़ साल तक सदन से बाहर रहना पड़ा. वहीं, दूसरी तरफ आप विधायक वेल में आकर नारेबाजी करते हैं, पर्चे उछालते हैं, तख्तियां या पोस्टर लेकर आते हैं तो भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
सत्र को दस दिन के लिए बढ़ाया जाए बिधूड़ी
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का आरोप है कि विधानसभा सत्र में सवाल पूछने का मौका नहीं मिल रहा है. सत्र को दस दिन के लिए बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस सत्र के दौरान डीटीसी के घाटे, जल बोर्ड में घोटाले और पैनिक बटन से लेकर जीपीएस में भ्रष्टाचार को लेकर सत्ता पक्ष से सवाल पूछेंगे. बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि आप ने बीते तीन वर्षों में 16 सत्रों में 35 बार भाजपा विधायकों पर एकतरफा कार्रवाई की है. यहां तक कि भाजपा विधायकों को अदालतों की शरण में जाना पड़ा.