Delhi Assembly Paperless: दिल्ली विधानसभा पेपरलेस हो गया है। 4 अगस्त से शुरू हो रहे दिल्ली विधानसभा मानसून सत्र (delhi assembly monsoon session) से पेपरलेस विधानसभा की शुरुआत होगी। इसके बाद दिल्ली विधानसभा पूरी तरह डिजिटली चलेगी। ऐसा होते ही दिल्ली देश की पहली मेट्रो राजधानी बन जाएगी। विधायक ई-पेपर से सवाल पूछेंगे। सरकार निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाएगी। विधानसभा सचिवालय के अनुसार यह परिवर्तन न केवल पर्यावरण की दृष्टि से अहम है बल्कि इससे कार्यवाही में पारदर्शिता, गति और दक्षता भी बढ़ेगी।
दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों को अपने सवाल ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और अन्य दस्तावेज ई-पेपर के जरिए उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी मंत्री अधिकारी और विधायक अब टैबलेट और लैपटॉप के माध्यम से कार्यवाही में भाग लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे नई तकनीक से जुड़ी लोकतांत्रिक पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम बताया है।
निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण का प्रस्ताव
इस बार के मानसून सत्र में दिल्ली सरकार निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से की जा रही फीस वृद्धि पर सख्ती से लगाम लगाने के लिए एक नया विधेयक लाने जा रही है। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार इस कानून के तहत निजी स्कूलों को हर साल फीस बढ़ाने से पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
डिजिटल सत्र की खास बातें-
- सभी प्रश्नोत्तर, विधेयक, रिपोर्ट्स और कार्यसूचियां ई-बुक के रूप में विधायकों को मिलेंगी।
- कार्यवाही के दौरान किसी भी दस्तावेज की हार्ड कॉपी वितरित नहीं की जाएगी।
- विधानसभा परिसर में डिजिटल स्क्रीन, प्रोजेक्टर और हाई-स्पीड इंटरनेट की व्यवस्था की गई है।
- विधायकों और अधिकारियों को इसके लिए विशेष आईटी ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
इन राज्यों के विधानसभा भी हो चुके हैं पेपरलेस
देश में इससे पहले केरल, हिमाचल प्रदेश और नागालैंड विधानसभा आंशिक रूप से पेपरलेस हो चुके हैं। हालांकि दिल्ली विधानसभा पहली मेट्रो राजधानी विधानसभा बन गई है जो पूरी तरह डिजिटल सत्र आयोजित कर रही है। सरकार का मानना है कि इस कदम से कागज की बचत तेज सूचना आदान-प्रदान और पर्यावरण संरक्षण जैसे कई फायदे मिलेंगे। अब यह देखना होगा कि डिजिटल विधानसभा का यह मॉडल देश की अन्य विधानसभाओं के लिए प्रेरणा बन पाता है या नहीं।
मानसून सत्र में इन विषयों पर होगी चर्चा
मानसून सत्र के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और कानून व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही विपक्ष के यमुना सफाई, जलभराव, मुख्यमंत्री महिला सम्मान निधि और बुलडोजर कार्रवाई जैसे कुछ सवालों पर सरकार को जबाब देना होगा। इसे लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।
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