दिल्ली में सरकार गठन का आखिरी और अंतिम सत्र 29 नवंबर से शुरू हो गया है. इससे पहले सितंबर में भी विधानसभा का सत्र बुलाया गया था. सत्र के पहले दिन, बीजेपी कैग और आयुष्मान भारत योजना पर आम आदमी पार्टी की सरकार को सदन में घेरने की कोशिश करेगी. वहीं, सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और केंद्र सरकार पर दिल्ली की खराब कानून व्यवस्था पर बहस कर सकते हैं. दिल्ली सरकार को कैग की चौबीस रिपोर्ट्स सदन में पेश करनी है, लेकिन सरकार ने उन्हें नहीं टेबल किया है. इसलिए बीजेपी सदन में हंगामा कर सकती है और सरकार पर दबाव डाल सकती है कि वे सार्वजनिक करें.

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दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि बस मार्शलों के मुद्दे पर भाजपा जिम्मेदार है; हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं; बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए भाजपा के पैर पकड़े, क्योंकि हम दिल्ली की मां, बहन, बेटी को सुरक्षा, रोजगार और सुरक्षा मिली है; भाजपा ने बस मार्शलों को हटवाने का काम किया है. भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोग एलजी के पास जाते हैं तो वे कहते हैं कि एलजी ने अनुमति नहीं दी. दिल्ली भाजपा के बड़े नेताओं और एलजी साहब ने बस मार्शलों से मुलाकात की, फोटो खिंचवाई, लेकिन नौकरी नहीं मिली. आज लोग पूछ रहे हैं कि एलजी ने नौकरी क्यों नहीं दी?

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भाजपा विधायकों ने किया सदन का बहिष्कार

भाजपा ने सदन में प्रश्नकाल नहीं करने का विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार पिछले एक वर्ष से प्रश्नकाल नहीं कर रही है, इससे विधायक अपने क्षेत्रों की आवाज नहीं उठा पा रहे हैं और मंत्री विधायकों के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं. दूसरी ओर, भाजपा ने सदन में नियम 280 के तहत विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दे का कड़ा विरोध किया. विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को मुद्दे पढ़ने का अवसर नहीं दिया और उन्हें पढ़ा हुआ मानने के निर्देश दिए, जिससे भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए.

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सत्येंद्र जैन जमानत बाद पहली बार पहुंचे सदन

नियम 55 के तहत चर्चा शुरू हुई, जिसमें आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सिर्फ मार्शल नहीं लगाने पर चर्चा करने का फैसला किया. बहिष्कार के बाद भाजपा के विधायक सदन में वापस लौटे, जबकि सत्येंद्र जैन जमानत मिलने के बाद पहली बार विधानसभा में पहुंचे. हाल ही में आम आदमी पार्टी से चुने गए तीन विधायकों में से एक आज सदन में नहीं आया, वहीं आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले कैलाश गहलोत, जो अपने पद से त्यागपत्र दे चुके हैं, भी सदन में नहीं आए. दोनों पक्षों के सदस्यों ने उनका स्वागत किया.

कानून व्यवस्था पर सदन को संबोधित करेंगे केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार शाम 4 बजे विधानसभा में कानून व्यवस्था पर चर्चा की, क्योंकि वह लगातार दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को बदनाम करते रहे हैं.

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