दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए दिल्ली नगर निगम में 14 विधायकों की नियुक्ति की है. यह नामांकन नगर निगम अधिनियम 1957 की धारा 3(3)(बी) के अंतर्गत किया गया है. विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि इन विधायकों की मुख्य जिम्मेदारी एमसीडी को प्रशासनिक, बजट और शहरी विकास कार्यों में सहायता प्रदान करना होगी. नामित विधायकों का प्राथमिक लक्ष्य नागरिक सेवाओं में सुधार, कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाना, प्रदूषण को कम करना और लोगों को एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है.

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि इन विधायकों का कार्य एमसीडी को प्रशासनिक, बजट और शहरी विकास संबंधी कार्यों में सहायता प्रदान करना होगा. दिल्ली के विधायकों को एमसीडी में नामित करने का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में नागरिक सेवाओं को सुधारना, कचरा प्रबंधन में वृद्धि करना, प्रदूषण को कम करना और नागरिकों को एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है.

दिल्ली में 1 अप्रैल से पुराने वाहनों में फ्यूल भरने पर लगने जा रहा बैन, पेट्रोल पंप पर निगरानी के लिए लगेंगे स्पेशल डिवाइस

विजेंद्र गुप्ता ने एमसीडी के लिए विधायकों के नामांकन के समय कहा कि इन विधायकों का चयन एमसीडी के बजट निर्माण, शहरी प्रशासन और नागरिक सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान देगा. उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली की सफाई, बुनियादी ढांचे के विकास और एमसीडी की समस्याओं के समाधान में इन विधायकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

स्पीकर ने किन-किन विधायकों को किया नोमिनेट

1. अनिल कुमार शर्मा (आर.के. पुरम) 

2. चंदन कुमार चौधरी (संगम विहार) 

3. जितेंद्र महाजन (रोहतास नगर) 

4. कर्नैल सिंह बस्ती (शकूर बस्ती) 

5. मनोज कुमार शौकीन (नांगलोई जाट) 

6. नीलम पहलवान (नजफगढ़) 

7. प्रद्युम्न सिंह राजपूत (द्वारका) 

8. प्रवेश रत्न पटेल (पटेल नगर) 

9. राज कुमार भाटिया (आदर्श नगर) 

10. राम सिंह नेताजी (बदरपुर) 

11. रवि कांत त्रिलोकपुरी (त्रिलोकपुरी) 

12. संजय गोयल (शाहदरा) 

13. सुरेंद्र कुमार (गोकलपुर) 

14. तरविंदर सिंह मरवाह (जंगपुरा) 

बुधवार को दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को एक पत्र भेजा. इस पत्र में गुप्ता ने अपनी नाराजगी व्यक्त की कि दिल्ली के अधिकारी विधायकों के पत्रों और कॉल्स का उचित ध्यान नहीं दे रहे हैं. उन्होंने उल्लेख किया कि कुछ मामलों में विधायकों द्वारा की गई शिकायतों की पावती भी नहीं दी गई है. इस पत्र के माध्यम से विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि वे प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, दिल्ली पुलिस और डीडीए के प्रमुख अधिकारियों को सख्त अनुपालन के लिए निर्देशित करें और उन्हें इस विषय में जागरूक करें.