दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DRC) ने बिजली कंपनियों से बिल में वसूले जा रहे बिजली खरीद समायोजन शुल्क (PPC) में 60 % तक की कटौती करने का आदेश दिया है, जो विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है. 21 दिसंबर के बाद दिल्ली में आने वाले सभी बिलों में राहत मिलेगी. यह आदेश मार्च 2025 तक पीपीएसी शुल्क में कटौती करेगा.
भाजपा ने बिजली के बिल में पीपीएसी के शुल्क को लेकर डीईआरसी में याचिका लगाई थी. पिछले महीने की बिजली आपूर्ति कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) 35.83 %, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) 37.75 प्रतिशत और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDA) 37.88 % PPC वसूल रही है, PPC के इस शुल्क को लेकर BJP की तरफ DRC में याचिका लगाई थी.
भाजपा की याचिका पर डीईआरसी ने पीपीएसी शुल्क को लेकर नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब बीवाईपीएल 13.63 प्रतिशत, बीआरपीएल 18.19 प्रतिशत और टीपीडीडीएल 20.52 प्रतिशत पीपीएसी वसूलेंगे. 21 दिसंबर के बाद दिल्ली में जो भी बिजली का बिल जारी किया जाएगा, उसमें पीपीएसी शुल्क की नई दरें लागू होंगी. बीवाईपीएल और बीआरपील ने भी अपने क्षेत्रों में नए बिलों में नई दरें लागू की हैं.
कुल बिल में 20 से 25 प्रतिशत की कमी: बिजली से जुड़े जानकारों का मानना है कि पीपीएसी शुल्क में राहत से बिजली के बिल पर 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी मिलेगी. उदाहरण के लिए, मान लीजिए आप एक महीने में 100 रुपये की बिजली खपत करते हैं, जिस पर 35.83 प्रतिशत पीपीएसी शुल्क लागू होता है, तो आपका कुल बिल 135.86 रुपये होगा. पीपीएसी में कटौती के बाद 100 रुपये पर कुल 18.19 फीसदी का बिल लगेगा, यानी 118.19 फीसदी का बिल. अब इसी बिल पर सरचार्ज, पेंशन सरचार्ज समेत अन्य दरें लगेंगे, इससे आपके कुल बिल में 20 से 25 फीसदी की कमी होगी.
क्या होता है PPC शुल्क
बिजली बिल का एक हिस्सा बिजली खरीद समायोजन शुल्क (PPC) है, जो आपूर्ति कंपनियों को बिजली खरीदने से लेकर उसे उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए ट्रांमिशन (तारों से घरों तक बिजली पहुंचाना) पर खर्च करता है. इसके अलावा, जब बिजली की मांग बढ़ती है, वे दूसरी कंपनियों से बिजली खरीदती हैं, जिसकी लागत मांग के अनुरूप घटती बढ़ती रहती है. यह प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में लागत निकालकर निर्धारित किया जाता है; दिल्ली में पीपीएसी चार्ज पहली बार मई 2024 में 9% तक बढ़ाया गया था, इससे पहले जुलाई 2023 में भी 10% बढ़ाया गया था.
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