Delhi blast: दिल्ली ब्लास्ट में अबतक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) की महिला विंग की कमांडर डॉक्टर शाहीन सईद (Dr Shaheen Saeed) ने जांच एजेंसिय़ों की पूछताछ में ये खुलासा किया है। जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ में कबूल किया है कि वह और उसके साथी दो साल से भारत में बड़े आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे थे। कई शहरों को एक साथ दहलाने की योजना पर काम कर रहे थे। इसके लिए बड़े पैमाने पर हम सभी मिलकर विस्फोटक जमा कर रहे थे। उसने कबूल किया है कि वह और उसके साथी डॉक्टर भारत में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे।
इधर एजेंसी लगातार शाहीन शाहिद से पूछताछ कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस पूछताछ में और भी कई खुलासे हो सकते हैं। खासतौर पर एजेंसी दिल्ली ब्लास्ट को लेकर शाहीन से पूछताछ कर रही है।
जैश-ए-मुहम्मद के इशारों पर हो रहा था पूरा काम
शाहीन ने पूछताछ में बताया कि उसकी जब भी मुलाकात डॉ. उमर से होती, वह जोश के साथ कहता था कि पूरे देश में कई आतंकी हमले करने हैं। वह, मुजम्मिल और आदिल के साथ मिलकर दो साल से अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक इकट्ठा कर रही थी। ये सब आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद (JeM) के इशारों पर किया जा रहा था।
कार में सवार था उमर!
लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास सोमवार शाम करीब 6.52 बजे हुए ब्लास्ट में जिस सफेद i20 कार का इस्तेमाल हुआ, उसका CCTV फुटेज भी सामने आया है। मेट्रो स्टेशन की पार्किंग से निकल रही कार में काला मास्क पहने एक शख्स बैठा दिखाई दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि वह कश्मीर का रहने वाला उमर नबी था।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 7 डॉक्टरों समेत 13 लोग हिरासत में
दिल्ली में ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल लेवल पर सुर्खियों में आ गई है। यहां से 7 डॉक्टरों समेत 13 लोगों को यहां से हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली ब्लास्ट के तार पीओके कर पहुंचे
दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए ब्लास्ट के तार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तक पहुंच रहे हैं। भारत में आतंकी हमलों के लिए 3-4 महीनों से साजिश रची जा रही थी। इसके पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा शामिल थे। खुफिया एजेंसियों को इसके संकेत PoK में आतंकियों के इंटरसेप्ट कम्युनिकेशन से मिले हैं। जांच एजेंसियों को पता चला है जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग अक्टूबर से भारत में एक्टिव हो गई थी। इनका मकसद लड़कियों का ब्रेनवॉश करना था। फरीदाबाद से अरेस्ट किए गए तीन डॉक्टर इसी मॉड्यूल का हिस्सा थे। इस मॉड्यूल का दिल्ली ब्लास्ट से लिंक होने के सबूत मिल रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां इन सबूतों को वेरिफाई कर रही हैं।
डॉक्टर मॉड्यूल के अहम किरदार

डॉक्टर आदिल मोहम्मद
आदिल मोहम्मद कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला है। अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर रहा है। वो 24 अक्टूबर तक पोस्टेड रहा। फिर गायब हो गया। पुलिस के मुताबिक, उसने 27 अक्टूबर को श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाए थे। इस पोस्टर से जम्मू-कश्मीर पुलिस को जैश-ए-मोहम्मद के एक्टिव होने का पता चला। इसके बाद पुलिस ने CCTV से सुराग तलाशा। आदिल की पहचान हो गई। उसे ट्रेस करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 6 नवंबर को यूपी के सहारनपुर से आदिल को अरेस्ट किया। फोन डिटेल्स और पूछताछ से डॉ. मुजम्मिल शकील का सुराग मिला।

डॉ. मुजम्मिल शकील
पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला डॉ. मुजम्मिल शकील जैश-ए-मोहम्मद नेटवर्क का हिस्सा है। आदिल से सुराग मिलने पर पुलिस ने उसे फरीदाबाद में ट्रेस किया। इसके बाद फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। सोर्स बताते हैं कि डॉ. मुजम्मिल शकील के पास से फेस मास्क और 4 विग मिले थे। अंदेशा है कि वो पहचान छिपाने के लिए इनका इस्तेमाल करता था। शकील ने अलफलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी के पास दो जगह किराए पर कमरा लिया था। यहां से 360 किलो विस्फोटक, असॉल्ट राइफलें और वॉकी-टॉकी मिला था। दूसरे कमरे से अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया। पूछताछ और सर्विलांस की मदद से पुलिस को डॉ. शाहीन और डॉ. उमर के बारे में पता चला।

जैश कमांडर डॉ. शाहीन सईद
लखनऊ से ताल्लुक रखने वाली डॉ. शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग को लीड कर रही थी। उसने प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की है। शाहीन को आतंकी मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर ने भारत में महिला विंग जमात-उल-मोमिनात की जिम्मेदारी दी थी। ये लड़कियों का ब्रेनवॉश कर उन्हें टास्क देती थी। उसके संपर्क में कौन-कौन था, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। डॉ. शाहीन तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर है। उससे छोटा भाई परवेज है। जांच एजेंसियां परवेज को भी तलाश रही हैं। डॉ. शाहीन की शादी महाराष्ट्र के रहने वाले जफर हयात से हुई थी। दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद डॉ. शाहीन कानपुर में पढ़ाती रही। फिर नौकरी छोड़ फरीदाबाद चली गई। यहीं वो डॉ. मुजम्मिल से मिली।

डॉ. उमर नबी
फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाला डॉ. उमर कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है। दिल्ली में ब्लास्ट वाली कार उमर ही चला रहा था। उसके मारे जाने की खबर है। DNA जांच से ही उसकी मौत की पुष्टि हो सकेगी। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां अब तक इसे आत्मघाती हमला नहीं मान रही हैं। उमर ने जनवरी 2017 में श्रीनगर से MBBS किया था। जम्मू में 7 मार्च 2018 को डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन कराया। पिछले डेढ़ साल से अलफलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहा था। वो डॉ. सज्जाद के कॉन्टैक्ट में था। डॉ. सज्जाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में है। उसे पुलवामा से पकड़ा गया है।

ब्रेनवॉश करने वाला मौलवी इरफान अहमद
फरीदाबाद मॉड्यूल में शामिल सभी डॉक्टरों को मौलवी इरफान अहमद ने कट्टरपंथी बनाया था। वह श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में काम करता था और सभी स्टूडेंट के संपर्क में था। इरफान नौगाम मस्जिद का इमाम भी था।रफान जैश-ए-मोहम्मद से प्रभावित था। स्टूडेंट्स को वीडियो दिखाता था। उसके अफगानिस्तान में कॉन्टैक्ट थे। वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिए वो वहां बात करता था। इरफान ही इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड है। डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर उसके काम में शामिल थे।
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