Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट मामले को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का देशभर में छापेमार कार्रवाई जारी है। Delhi Blast Case में सुरक्षाबलों ने बड़ा एक्शन लेते हुए एक और डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार आतंकी डॉक्टर की पहचान कुलगाम (Kulgam) जिले के निवासी डॉ. तजामुल (Doctor Tajamul) के रूप में हुई है। वो श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में नौकरी कर रहा था। पुलिस ने डॉक्टर तजामुल को करण सिंह नगर से गिरफ्तार किया है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब डॉक्टर से गहन पूछताछ करेंगी।

वहीं दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से अबतक 1500 लोगों को हिरासत में लिय़ा गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि टीमों ने सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले तत्वों को लेकर घाटी के कई जिलों में औचक निरीक्षण किया है।

बता दें कि इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने मंगलवार (11 नवंबर) को पुलवामा से एक डॉक्टर को हिरासत में लिया था।उसकी पहचान सज्जाद अहमद मल्ला के रूप में हुई है। सज्जाद मल्ला दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपी आतंकी डॉक्टर उमर का दोस्त बताया जा रहा है।

कुलगाम पुलिस ने आज बुधवार (12 नवंबर) को बताया कि प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत पुलिस ने जिले भर में 200 से अधिक जेईआई के ठिकानों पर छापेमारी की गई। अब तक 1500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि पीओके में रह रहे जम्मू-कश्मीर के निवासियों और यूएपीए के आरोपों का सामना कर रहे आरोपियों से जुड़ी संपत्तियों की तलाशी ली गई है। लाल किला विस्फोट की कड़ियां श्रीनगर में पोस्टरों के मिलने से जुड़ रही हैं। ये पोस्टर जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में नौगाम पुलिस चौकी के तहत आने वाले क्षेत्र से बरामद किए गए थे।

12 गिरफ्तार आतंकियों में 6 डॉक्टर

मामले में अबतक गिरफ्तार 12 लोगों में से 6 डॉक्टकर है। इस नेटवर्क की सबसे अहम सदस्य डॉ. शाहीन सईद है। वह जैश सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में थी और महिला आतंकी विंग ‘जमात उल मोमिनात’ से जुड़ी थी। यह विंग सादिया ने अपने पति यूसुफ अहमद की मौत के बाद बनाई थी। शाहीन को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार किया गया था।

जांच में पता चला है कि यह नेटवर्क मेडिकल प्रोफेशन और शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में काम कर रहा था, और हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और यूपी के सहारनपुर सहित कई इलाकों से जुड़ा था। इसकी शुरुआत धमाके से 37 दिन पहले 4 अक्टूबर को सहारनपुर में एक शादी से हुई थी। इसके बाद नेटवर्क ने फौजियों को धमकाने वाले पोस्टर, हथियार, विस्फोटक और फंडिंग के नेटवर्क तैयार करना शुरू किया।

जांच में पता चला कि यह मॉड्यूल 4 अक्टूबर को एक्टिव हुआ था, जब सहारनपुर में डॉ. आदिल की शादी डॉ. रुकैया से हुई थी। शादी में कुछ ‘खास मेहमान’ शामिल थे, जिनकी पहचान एजेंसियां कर रही हैं

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