नई दिल्ली. बच्चों में फेफड़ों से जुड़े रोग की पहचान के लिए सफदरजंग अस्पताल में ब्रोंकोस्कोपी (bronchoscopy) की सुविधा शुरू हुई है. इसके बाद अब इसके इलाज के लिए मरीज और उनके परिजनों को दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा.

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रतन गुप्ता (Dr. Ratan gupta safdarjung hospital) ने बताया कि इस नई मशीन के आने से फेफड़ों की कई तरह की बीमारियों से पीड़ित बच्चों की सटीक जांच हो सकेगी. अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार और एसोसिएट प्रोफेसर सतनाम कौर के नेतृत्व में यह मशीन चलाई जाएगी. अभी तक यह सुविधा केंद्र के एम्स, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पताल में ही मौजूद थी. सफदरजंग में आने वाले बच्चों को इन्हीं अस्पतालों में रेफर किया जाता था.

डॉ. रतन गुप्ता ने बताया कि फेफड़ों की जांच करने की तकनीक को ब्रोंकोस्कोपी (bronchoscopy) कहते हैं. व्यस्कों में ब्रोंकोस्कोपी जांच आसान होती है, लेकिन बच्चों में बेहद मुश्किल. इस तकनीक में डॉक्टर पहले बच्चों को बेहोश करते हैं और फिर मुंह के माध्यम से फेफड़ों में एक स्कोप (पाइप जैसा लचीला यंत्र) डालते हैं. इस स्कोप से देखते हैं कि फेफड़ों के किसी हिस्से से खून तो नहीं बह रहा है. म्युकस के नमूने लेते है, ताकि हर तरह के संक्रमण की जांच हो सके. कैंसर की जांच के लिए फेफड़ों ऊतक का एक छोटा सा हिस्सा भी इससे के सकते हैं. टीबी की जांच भी इससे कर सकते हैं.