Delhi Car Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट में अबतक का सबसे बड़ा और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली कार ब्लास्ट का मास्टरमाइंड कश्मीर का डॉक्टर उमर नबी (Dr. Umar Nabi) निकला। जैश-ए-मोहम्मद के लॉजिस्टिक मॉड्यूल से जुड़े उमर नबी ने ही लाल किला के पास कार में ब्लास्ट किया था। कश्मीर का डॉक्टर उमर उन नबी ने सुसाइड बॉम्बर (फिदायीन हमला) की तरह खुद को कार में उड़ा लिया था। दिल्ली ब्लास्ट (Delhi Blast) में आतंकी उमर नबी के भी चिथड़े-चिथड़े उड़ गए थे। ये खुलासा डीएनए रिपोर्ट से हुआ है।

पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने बुधवार देर रात पुष्टि की कि विस्फोटक से लदी ह्यूंडई i20 कार में मौजूद शख्स कोई और नहीं, बल्कि आतंकी डॉक्टर उमर नबी (उमर मोहम्मद) ही था। कार के मलबे से मिले जले हुए शव का DNA टेस्ट उमर के परिवार के सदस्यों के सैंपल से 100% मैच कर गया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि आतंकी उमर ने ही दिल्ली कार ब्लास्ट को अंजाम दिया, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और 20 घायल हुए।

डॉक्टर उमर नबी।

जांच एजेंसियों को शुरुआती जांच में शक डॉ. उमर पर ही था, क्योंकि उसने धमाके में इस्तेमाल की गई सफेद हुंडई i20 कार घटना से 10 दिन पहले खरीदी थी। विस्फोट के बाद उसके शरीर के अवशेष कार के पास से बरामद किए गए थे, लेकिन पहचान संभव नहीं हो पाई थी।  अब पुलवामा स्थित उसके परिवार से लिए गए सैंपल से डीएनए टेस्ट के बाद पुष्टि हो गई कि वही हमलावर था। उमर की मां और भाई ने DNA सैंपल दिए थे, जो ब्लास्ट में इस्तेमाल कार के मलबे से मिले अवशेषों (हड्डियां, दांत, कपड़े के टुकड़े) से मैच कर गया। इससे स्पष्ट हो गया कि उमर ही कार चला रहा था।सुरक्षा एजेंसियों की दबिश से घबराकर उमर ने हड़बड़ी में कार के साथ-साथ खुद को भी विस्फोट में उड़ा लिया।

जैश के एक लॉजिस्टिक मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था उमर

जांच में सामने आया है कि उमर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक लॉजिस्टिक मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था, जो फरीदाबाद, लखनऊ और दक्षिण कश्मीर के बीच सक्रिय था। यह मॉड्यूल करीब 9 से 10 सदस्यों का था, जिनमें 5 से 6 डॉक्टर शामिल थे। इन डॉक्टरों ने अपनी पेशेवर पहचान का उपयोग करते हुए रासायनिक पदार्थों और विस्फोटक सामग्री को हासिल किया।

तुर्की के अंकारा में बैठे अपने हैंडलर से लगातार संपर्क में था

 सूत्रों के मुताबिक, परिवार को पहले से पता था कि उमर कट्टरपंथी हो चुका था, लेकिन उन्होंने इस बारे में सुरक्षा एजेंसियों को नहीं बताया। उमर का तुर्की के अंकारा में बैठे अपने हैंडलर ‘UKasa’ (संभावित कोडनेम) के साथ सेशन ऐप के जरिए लगातार संपर्क में था। सूत्रों के मुताबिक मार्च 2022 में कुछ लोग भारत से अंकारा गए थे। शक है कि इनमें उमर समेत फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में पकड़े गए अन्य संदिग्ध भी शामिल थे। उसी दौरान इनका ब्रेन वॉश किया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी इसकी पुष्टि के लिए नई दिल्ली स्थित तुर्किये दूतावास से संपर्क में है और सहयोग मांगा है।

उमर के परिवार ने क्या कहा?

कश्मीर के पुलवामा के कोईल गांव में उमर के परिजन सदमे में हैं। एक रिश्तेदार ने कहा, “वह बहुत शांत और अंतर्मुखी था। ज़्यादातर वक्त किताबें पढ़ता रहता था, किसी से ज़्यादा मेलजोल नहीं रखता था। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में उसका व्यवहार बदल गया था। वह अक्सर फरीदाबाद और दिल्ली के बीच यात्रा करता था और रामलीला मैदान और सुनेहरी मस्जिद के पास स्थित मस्जिदों में देखा जाता था। सीसीटीवी फुटेज में दिखा है कि विस्फोट से पहले दोपहर 3 बजे उसने अपनी कार मस्जिद के पास पार्क की और फिर शाम के समय लाल क़िले की ओर रवाना हुआ।

केंद्र सरकार ने दिल्ली ब्लास्ट को माना ‘आतंकी हमला’

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सरकार ने दिल्ली कार ब्लास्ट को ‘आतंकी हमला’ करार दिया। ​एनआईए को इस मामले की जांच सौंपी गई है। यह ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का एक सनसनीखेज मामला है, जिसमें डॉक्टर जैसे सम्मानित पेशे से जुड़े लोग और पढ़े-लिखे युवा शामिल हैं। इस केस में गिरफ्तारियों का सिलसिला जम्मू-कश्मीर से उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है, और पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का कनेक्शन सामने आ रहा है।

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