नई दिल्ली. दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने राजधानी के छह बड़े अस्पतालों को कथित तौर पर निम्न गुणवत्ता की दवा और सामान आपूर्ति करने वाले दस लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें सात आपूर्तिकर्ता, तीन लैब और फार्मा कंपनियों के मालिक शामिल हैं. विजिलेंस विभाग की जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया. जांच में कुछ डॉक्टरों, अफसरों और स्टोरकीपर की भूमिका भी सामने आई है. जांच के बाद रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी लैब रिपोर्ट भी बनाई गई थी. छह अस्पतालों में एलबीएस, एलएनजेपी, डीडीयू, एसजीएम, जेएसएसएच और जीटीबी अस्पताल शामिल हैं.

 एसीबी का दावा है कि जांच में डॉक्टरों, अधिकारियों और स्टोर कीपर की मिलीभगत भी सामने आई है. जिसकी छानबीन चल रही है. आरोप यह भी है कि अस्पतालों ने नकली दवा हासिल किए बिना ही नकली रसीदें जारी की थीं. सर्तकता जांच और रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के बाद तैयार की गई जाली लैब रिपोर्ट भी जब्त की गई है. एसीबी चीफ मधुर वर्मा के मुताबिक, लाल वहादुर शास्त्री, एलएनजेपी, डीडीयू, एसजीएम, जेएसएसएच और जीटीबी अस्पताल के सरकारी अधिकारियों/ कर्मचारियों की मिलीभगत रही है. दरअसल, 18 अगस्त 2023 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की विजिलेंस टीम की छह टीमों ने इन अस्पतालों का दौरा किया था.

जहां अलग अलग मेडिकल प्रोडक्ट जैसे रोल्ड बैंडेज, आईवी सेट व अन्य के सैंपल इकट्ठे किए गए थे. इन सैंपल को लैब में जांच के लिए भेजा गया था. इनमें से अधिकांश सैंपल जांच के दौरान या तो घटिया पाए गए या फेल हो गए थे. ये सैंपल कॉटन बैंडेज, डीलक्स इन्फ्यूजन सेट, रोल्ड बैंडेज, एब्जॉर्बेट कॉटन आईपी, लेटेक्स एग्जामिनेशन ग्लव्स (सेनोमिक), इन्फ्यूजन सेट (ट्राई फ्लेक्स), नॉन स्टरलाइज्ड, वेल्स्रो डिस्पोजल सर्जिकल रबर ग्लव्स, सेफाइजर हैंड सैनिटाइजर, इन्फ्यूजन सेट से संबंधित थे. इसके बाद राज कुमार, डिप्टी सेक्रेटरी (विजिलेंस), एच एंड एफडब्ल्यू ने संबंधित फर्मों और अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए एसीबी में अलग अलग छह शिकायत दर्ज करवाई थी.