दिल्ली मेट्रो के इतिहास, विकास और भविष्य को करीब से समझने के लिए राजधानी को अब एक अत्याधुनिक मेट्रो संग्रहालय मिल गया है। यह संग्रहालय ब्लू लाइन के सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास स्थापित किया गया है। संग्रहालय का उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने किया। उद्घाटन के बाद बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी संग्रहालय देखने पहुंचे और दिल्ली मेट्रो के सफर और विकास के बारे में जानकारी प्राप्त की। माना जा रहा है कि संग्रहालय में प्रवेश के लिए 10 रुपये फीस होगी, हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली मेट्रो संग्रहालय में मेट्रो से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी उपलब्ध है। संग्रहालय में यह दिखाया गया है कि कैसे 2009 में दिल्ली मेट्रो ने अपनी पहली यात्रा शुरू की, जो सिर्फ 8 किलोमीटर के दायरे में थी, और कैसे आज मेट्रो नेटवर्क लगभग 400 किलोमीटर तक फैल चुका है। संग्रहालय में मेट्रो की खासियत, निर्माण के दौरान आई चुनौतियां और यह कैसे दिल्ली की लाइफलाइन बन गई, इन सभी सवालों के जवाब भी आसानी से देखे और समझे जा सकते हैं। यहां सबकुछ सरल भाषा और विजुअल माध्यमों के जरिए प्रदर्शित किया गया है, जिससे छोटे और बड़े सभी आगंतुक मेट्रो के सफर को समझ सकें।

Metro का बढ़ाएंगे दायरा

दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने मेट्रो संग्रहालय का निरीक्षण करते हुए कहा कि सरकार की कोशिश है कि मेट्रो नेटवर्क का दायरा और बढ़ाया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग निजी वाहनों की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण सड़क पर चलने वाले वाहन हैं। इसके मद्देनजर, मेट्रो और बस जैसी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को अपनाना प्रदूषण कम करने की लड़ाई में अहम कदम साबित हो सकता है। डॉ. सिंह ने कहा, “अगर लोग मेट्रो और बस का नियमित इस्तेमाल करें, तो प्रदूषण नियंत्रण में हम महत्वपूर्ण सफलता हासिल कर सकते हैं।”

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा दे रही है और ईवी खरीदने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने मेट्रो को एक ग्रीन और क्लीन मॉडल करार देते हुए इसे दिल्ली के लिए बड़ी सौगात बताया। मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के समय मेट्रो से जुड़े कई भुगतान लंबित थे। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार अब उन बकाया पेमेंट को भी रिलीज कर रही है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यदि दिल्ली में मेट्रो नहीं होती तो आज राजधानी की सड़कों का हाल और भी बदतर होता। उन्होंने बताया कि नए मेट्रो संग्रहालय के बनने से दिल्ली के विकास को नई दिशा मिलेगी और आने वाली पीढ़ियां यह समझ सकेंगी कि दिल्ली मेट्रो कैसे बनी और इसने राजधानी की तस्वीर कैसे बदल दी।

गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो देश की सबसे भरोसेमंद और आधुनिक परिवहन व्यवस्था मानी जाती है। यह न केवल समय बचाती है, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नया मेट्रो संग्रहालय इसी सफलता यात्रा को आम लोगों तक सरल और सहज तरीके से पहुंचाने का प्रयास है, ताकि सभी आगंतुक मेट्रो के विकास, चुनौतियों और दिल्ली की लाइफलाइन बन जाने की कहानी को करीब से समझ सकें।

दिल्ली मेट्रो संग्रहालय के मुख्य आकर्षण

1. बेहतर निर्माण और तेज़ काम

दिल्ली मेट्रो ने अच्छी योजना, नई तकनीक और सुरक्षा उपायों के साथ निर्माण किया, ताकि लोगों को कम परेशानी हो और काम समय पर पूरा हो।

2. मैस्कॉट और लोगो

मेट्रो का मैस्कॉट यात्रियों को सुरक्षा और सही व्यवहार के बारे में संदेश देता है, और सुरक्षित सफर को बढ़ावा देता है।

3. एयरपोर्ट एक्सप्रेस मॉडल

यह लाइन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट और यशोभूमि द्वारका से जोड़ती है। ट्रेनें 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।

4. लॉन्चिंग गार्डर तकनीक

इस तकनीक से ऊँचाई पर बने कंक्रीट हिस्सों को सुरक्षित तरीके से लगाया जाता है, जिससे निर्माण तेज़ और सुरक्षित दोनों होता है।

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