Delhi Congress Attack On Rekha Gupta Government: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Delhi Pollution) पर कांग्रेस ने रेखा गुप्ता सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने दिल्ली सरकार पर मेट्रो को बेवजह जिम्मेदार ठहराने का आरोप लगाया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव (Devendra Yadav) ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मेट्रो के नाम पर अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि असली जिम्मेदार विभागों की लापरवाही व निर्देशों की कमी से हालात बिगड़ रहे हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि यदि दिल्ली सरकार भी मेट्रो की तर्ज पर आधुनिक तकनीक अपनाकर धूल, कूड़ा और मलबे का निस्तारण करे, तो प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि जब हवा अगले 10 दिनों तक बेहद खराब रहने की चेतावनी पहले से मौजूद है, तब दिल्ली सरकार मेट्रो पर नाकामी का ठीकरा फोड़ रही है। उनका कहना है कि प्रदूषण नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, डीडीए जैसे विभागों की है, जिन्हें अब तक कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए गए।
कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दावा किया कि राजधानी के खतरनाक स्तर तक पहुंचते प्रदूषण में मेट्रो निर्माण की हिस्सेदारी पहले से अधिक है और यह सरकारों की लापरवाही का नतीजा है। यादव ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान मेट्रो निर्माण से निकलने वाली मिट्टी और मलबे की सफाई रातों रात कराई जाती थी। धूल को काबू में रखने के लिए सड़क धुलाई और तुरंत मलबा हटाना आम प्रक्रिया थी। उन्होंने कहा कि अब जब निर्माण कार्य कम हो चुका है और ज्यादातर भूमिगत भी है, तब भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा मेट्रो को सफाई के लिए सख्त निर्देश जारी करना हास्यास्पद है।
रिंग रोड अभियान सिर्फ दिखावा
कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर तंज कसते हुए कहा कि दस महीने बीतने के बाद अब याद आया कि मेट्रो निर्माण भी प्रदूषण में योगदान देता है। उन्होंने 55 किलोमीटर रिंग रोड को धूल-मुक्त बनाने की घोषणा को जनता के साथ छल बताया। यादव ने कहा कि जुलाई से अक्टूबर तक चला स्वच्छता अभियान ही दिल्ली की गंदगी कम नहीं कर पाया, ऐसे में अब रिंग रोड की धुलाई और वाटर स्क्रिंकलिंग सिर्फ विपक्ष की आलोचना से बचने की कोशिश है।
ग्रेप लागू होने के बावजूद ‘जमीन पर जीरो एनफोर्समेंट’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ग्रेप लागू करने के बाद भी डीपीसीसी और राज्य पर्यावरण विभाग इसे लागू करवाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, दिल्ली छावनी बोर्ड, डीडीएमआरसी, डीडीए समेत सभी संबंधित एजेंसियों के लिए आज तक कोई स्पष्ट SOP जारी ही नहीं किया। यादव के मुताबिक फिलहाल धूल और मलबा निस्तारण का कोई ठोस तंत्र मौजूद नहीं है, जिसकी मार दिल्ली की हवा और जनता दोनों ही झेल रहे हैं।
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