दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन के मामले में गिरफ्तार सुपरटेक के अध्यक्ष और प्रवर्तक आर के अरोड़ा को चिकित्सा आधार पर मंगलवार को एक महीने की अंतरिम जमानत दे दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार जंगाला ने आरोपी को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर राहत दी.

अरोड़ा ने बीमारियों का हवाला देते हुए तीन महीने की अंतरिम जमानत मांगी थी. उन्होंने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी के बाद से उनका वजन लगभग 10 किलोग्राम कम हो गया है और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है. उन्हें 27 जून, 2023 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. सुपरटेक समूह उसके निदेशकों और प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में दर्ज है.

ईडी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा सुपरटेक लिमिटेड और उसकी समूह कंपनियों के खिलाफ कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी के लिए दर्ज 26 एफआईआर की जांच कर रहा है. उन पर कम से कम 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. आरोप पत्र के अनुसार कंपनी और उसके निदेशकों ने अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में बुक किए गए फ्लैटों के बदले संभावित घर खरीदारों से अग्रिम धनराशि एकत्र करके लोगों को धोखा देने की आपराधिक साजिश रची.

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आवेदक साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा और न ही किसी ऐसे कार्य या चूक में शामिल होगा, जो गैरकानूनी है या जो लंबित मामले की कार्यवाही पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.’’