नई दिल्ली। देश में त्योहारी सीजन के दौरान संदिग्ध आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के मामले में पिछले साल दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक आरोपी को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की पीठ ने मंगलवार को कहा कि डिफॉल्ट जमानत के लिए आवेदन पर विचार करने योग्य नहीं है, यह देखते हुए कि 9 सितंबर 2021 को जांच समाप्त करने के आदेश को पहले ही 11 फरवरी, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।
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पूरे ऑपरेशन को दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम ने दिया था अंजाम
अदालत ने कहा कि मामले में जांच अभी भी जारी है और न्यायाधीश ने जांच पूरा करने की अवधि पहले ही बढ़ा दी थी, ऐसे में जमानत अर्जी खारिज की जाती है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 6 लोगों के एक समूह के साथ गिरफ्तार किया गया आरोपी अबू बकर सीमा पार से करीबी से समन्वय (को-ऑर्डिनेट) कर रहा था और पूरे ऑपरेशन को दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम ने अंजाम दिया था।
पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल में से दो जीशान और ओसामा को पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था।
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सुनवाई के दौरान बकर की ओर से पेश अधिवक्ता सनावर चौधरी ने तर्क दिया कि आरोपी ने इस आधार पर राहत की मांग की थी कि वह 14 सितंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में है और इस बात का भरोसा दिलाता है कि मामले से जुड़े सबूतों, यदि हों तो, के साथ छेड़छाड़ करने या किसी गवाह को डराने-धमकाने की कोशिश नहीं करेगा। इसका विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक इरफान अहमद ने कहा कि देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए दिल्ली सहित आतंकवादी हमलों की एक सीरीज को अंजाम देने के लिए भारत में इसके गुर्गों के साथ आतंकी मॉड्यूल के पीछे एक गहरी साजिश है।
आतंकियों के पास से कुल 1.5 किलो आरडीएक्स किया गया था बरामद
दिल्ली पुलिस के अनुसार, मोहम्मद अबू बकर सहित 7 संदिग्धों जान मोहम्मद शेख, ओसामा, मूलचंद, जीशान कमर और मोहम्मद आमिर जावेद को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) ने 14 सितंबर 2021 को गिरफ्तार किया था, जबकि ओसामा के चाचा हुमैद-उर-रहमान को बाद में प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। स्पेशल सेल द्वारा पकड़े जाने पर आतंकियों के पास से कुल 1.5 किलो आरडीएक्स बरामद किया गया था। सूत्रों ने कहा कि आरडीएक्स की यह मात्रा बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के लिए पर्याप्त थी।
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18 सितंबर को ओसामा के चाचा हुमैद-उर-रहमान ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। आरोप है कि रहमान भारत में पूरे आतंकी नेटवर्क को कोऑर्डिनेट कर रहा था। आरोप है कि जब वे मस्कट पहुंचे तो पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) उन्हें विस्फोटक और बम बनाने में प्रशिक्षित करने के लिए समुद्री मार्ग से ग्वादर बंदरगाह ले गया। ओसामा और जीशान कमर को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद से बम और आईईडी बनाने और आगजनी करने का प्रशिक्षण दिया गया था। उसे छोटे फायर आर्म्स और एके-47 को संभालने और इस्तेमाल करने का भी प्रशिक्षण दिया गया।
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पूछताछ में पता चला कि ओसामा अप्रैल में मस्कट के लिए निकला था, जहां उसकी मुलाकात जीशान से हुई थी। अगले कुछ दिनों में कई छोटी समुद्री यात्राओं के बाद कई बार नावें बदलने के बाद उन्हें पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह के पास जिओनी शहर ले जाया गया। उनका स्वागत एक पाकिस्तानी ने किया, जो उन्हें थट्टा के एक फार्महाउस में ले गया। फार्महाउस में 3 पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें से दो जब्बार और हमजा ने उन्हें प्रशिक्षण दिया। ये दोनों पाकिस्तानी सेना से थे, क्योंकि उन्होंने सैन्य वर्दी पहनी थी। प्रशिक्षण लगभग 15 दिनों तक चला और उसके बाद उन्हें उसी मार्ग से मस्कट वापस ले जाया गया। ओसामा और जीशान के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य 4 आरोपी आतंकवादियों की पहचान मुंबई निवासी जान मोहम्मद शेख के रूप में हुई है, जबकि बाकी तीनों उत्तर प्रदेश के थे। इनमें रायबरेली से मूलचंद, बहराइच से मोहम्मद अबू बकर और लखनऊ से मोहम्मद आमिर जावेद शामिल हैं।
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