राजधानी दिल्ली को अवैध प्रवासियों से मुक्त करने के लिए पुलिस ने इस साल कड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय के सख्त निर्देशों के तहत दिल्ली पुलिस ने 2025 में अब तक 2200 बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह संख्या पिछले कई सालों की तुलना में कई गुना अधिक है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और कानूनी व्यवस्था को मजबूती मिली है। अधिकारियों का कहना है कि अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत देश वापस भेजना जारी रहेगा।

राजधानी दिल्ली में अवैध प्रवासियों के खिलाफ पुलिस ने 2025 में सख्त कदम उठाया है। गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत इस साल अब तक 2200 बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा गया है। पिछले वर्षों की तुलना में यह संख्या कई गुना अधिक है। आंकड़ों के अनुसार 2022 में केवल 50 बांग्लादेशी डिपोर्ट किए गए थे, 2023 में 5, 2024 में 14 विशेषज्ञों का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद अभियान और तेज हो गया। दिल्ली पुलिस ने पहचान, सत्यापन और निर्वासन प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया।

पुलिस के अनुसार, इन बांग्लादेशियों में अधिकांश फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे थे, जैसे कि फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज। ये लोग कई वर्षों से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में छिपकर रह रहे थे, जिनमें उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम, बाहरी दिल्ली, झुग्गी-झोपड़ियां और होटल शामिल हैं। कुछ ने यहाँ शादी की, नौकरी की और बैंक लोन तक ले लिया। अधिकारियों का कहना है कि अभियान लगातार जारी रहेगा और अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत देश लौटाया जाएगा। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और राजधानी में कानूनी व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और सभी जिला इकाइयों ने दरवाजा-दरवाजा जांच, रेड और वेरिफिकेशन ड्राइव चलाई। एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के सहयोग से इन अवैध प्रवासियों की पहचान की गई। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार बांग्लादेशियों को ट्रेन, बस और विमान से पूर्वी राज्यों (त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल आदि) भेजा गया और फिर पूर्वी भूमि सीमा से बांग्लादेश वापस भेजा गया। कई मामलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जिनकी देखभाल का विशेष ध्यान रखा गया।

पुलिस के अनुसार, अधिकांश बांग्लादेशी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे थे, जैसे फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज। ये लोग दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लंबे समय से छिपकर रह रहे थे, कुछ ने यहाँ शादी की, नौकरी की और बैंक लोन भी लिया। अधिकारियों का कहना है कि अभियान लगातार जारी रहेगा और अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत देश लौटाया जाएगा। इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा और राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

जांच में सामने आया कि ये लोग दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लंबे समय से छिपकर रह रहे थे। हैरानी की बात यह रही कि उनके पास नकली आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य सरकारी दस्तावेज थे। ये फर्जी दस्तावेज उन्हें स्थानीय समुदाय में घुल-मिलने और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने में मदद कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, वे भारतीय नागरिक बनकर छिपे बैठे थे, लेकिन पुलिस की नजर से बच नहीं पाए।

अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा, चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता और अवैध घुसपैठ रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी और अवैध विदेशियों के खिलाफ कोई ढील नहीं बरती जाएगी। 2025 में सबसे ज्यादा बांग्लादेशियों को डिपोर्ट करने से साफ संदेश गया है कि अवैध प्रवासी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम देश की संप्रभुता और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास है।

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