ग्रेटर नोएडा . नोएडा के बरौला गांव में दो सगे भाइयों की हुई हत्या मामले में जिला न्यायालय ने पूरे परिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इनमें घर का मुखिया, उसकी पत्नी और दोनों बेटे शामिल हैं. दोहरे हत्याकांड में करीब छह साल बाद अदालत का फैसला आया.
अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रणविजय प्रताप सिंह ने इस दोहरे हत्याकांड की सुनवाई की. आरोपियों पर बीस-बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. एडीजीसी (क्राइम) नितिन त्यागी ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-49 कोतवाली क्षेत्र के बरौला गांव में नौ अक्तूबर 2017 को सगे भाई उमेश और योगेश की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी. दोनों भाई रात में नाले में लहूलुहान हालत में पड़े मिले थे. अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
मृतकों के चाचा रमेश कुमार शर्मा ने आरोपी ओमवीर, उसकी पत्नी पुष्पा और दोनों बेटे गुलशन और जितेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. अदालत ने सुनवाई के दौरान ओमवीर, पुष्पा और उनके बेटों गुलशन और जितेंद्र को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.
पिता और दोनों बेटे जेल में बंद
दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले पिता और उसके दोनों बेटे घटना के बाद से जेल में बंद हैं. महिला को जमानत मिल गई थी, लेकिन तीनों आरोपियों को कोर्ट ने जमानत नहीं दी. ओमवीर और पुष्पा देवी ने अपने बेटों गुलशन और जितेंद्र के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. मृतक 20 वर्षीय योगेश और 21 साल का उमेश क्रमश दसवीं और ग्यारहवीं में पढ़ाई करते थे.
अदालत में रो पड़ीं महिलाएं
न्यायालय के फैसले के बाद दोषियों के परिवार में कोहराम मच गया. अदालत परिसर में महिलाएं रोने लगी. दोनों बेटों को पिछले छह साल से जमानत नहीं मिली थी. अब आजीवन कारावास के बाद दोनों बेटों की बहुओं का रो-रोकर बुरा हाल था.
समझौते के बावजूद वारदात को अंजाम दिया
अधिवक्ता नितिन त्यागी ने बताया कि हत्याकांड से करीब दो महीने पहले गुलशन और जितेंद्र का उमेश व योगेश के साथ क्रिकेट खेलने के दौरान विवाद हो गया था. इसके बाद समाज के लोगों ने बैठकर फैसला करवा दिया, लेकिन योगेश और उमेश के साथ दोनों रंजिश रखने लगे. इसके बाद साजिश रचकर बरौला गांव में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.