दिल्ली हाईकोर्ट ने EWS छात्रों के निजी स्कूलों में दाखिला मामले में शिक्षा निदेशालय को फटकार लगाई है. उच्च न्यायालय को बताया गया कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने कम आय वर्ग (EWS) के विद्यार्थियों के लिए निर्धारित आय सीमा को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है, जो अदालत ने पहले निर्धारित किया था. उच्च न्यायालय ने इस सूचना के बाद देरी से आदेश जारी करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री पहले से ही आय सीमा बढ़ाने को तैयार थे, इससे शिक्षा निदेशालय को क्या नुकसान हुआ?
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पुरुषइंद्र कुमार कौरव की पीठ ने कहा कि उन्हें इस मामले में कुछ गड़बड़ नजर आ रही है. उच्च न्यायालय ने सरकार से दिसंबर 2023 में EWS कोटे के तहत आय सीमा को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने को कहा था, लेकिन उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री इसे लागू करने को तैयार थे. पीठ ने कहा कि पूरे मामले को देखने के बाद, उन्हें लगता है कि शिक्षा निदेशालय और निजी स्कूलों के बीच कोई सौदा चल रहा है ताकि निजी स्कूलों को लाभ मिल सके. पीठ ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराने पर विचार कर रही है, जो अगले महीने की 9 तारीख को होगी.
पूर्व और वर्तमान शिक्षा निदेशक पेश किए गए इस मामले में सुनवाई के दौरान एक पूर्व और वर्तमान शिक्षा निदेशक पेश किए गए. पूर्व शिक्षा निदेशक जम्मू एवं कश्मीर में कार्यरत हैं, लेकिन दोनों ने कहा कि वे आय सीमा बढ़ाने से सहमत नहीं थे. शिक्षा निदेशक ने पहले उच्च न्यायालय के एकलपीठ के फैसले को रोका था. इसके बाद पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई पर तीसरे शिक्षा निदेशक (दिसंबर 2023 से दिल्ली शिक्षा निदेशालय में कार्यरत) को भी तलब किया जाएगा.
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