Delhi Diwali: दिवाली से ठीक पहले दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 268 तक पहुंच गया है। इधर सुप्रीम कोर्ट ने सीमित समय के लिए ग्रीन पटाखों की अनुमति दी है। हालांकि शीर्ष न्यायालय ने इस दौरान पटाखों को लेकर गाइडलाइन भी जारी की है।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि केवल उन्हीं पटाखों को बेचा और चलाया जा सकता है जो नीरी (NEERI) और PESO से स्वीकृत हैं। इसके अलावा पारंपरिक लड़ी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध बरकरार रहेगा। हर हरित पटाखे पर क्यूआर कोड अनिवार्य किया गया है ताकि असली और नकली उत्पाद की पहचान की जा सके। किसी भी उल्लंघन पर बिक्री लाइसेंस तुरंत रद्द करने का प्रावधान है।

पटाखे चलाने का समय और अवधि तय

अदालत के आदेश के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में पटाखे केवल दो दिन, 19 और 20 अक्टूबर को चलाए जा सकेंगे। सुबह छह से सात बजे और रात आठ से दस बजे तक ही इसका समय निर्धारित किया गया है। यह छूट सीमित अवधि के लिए दी गई है और तय तिथि के बाद पटाखों की बिक्री या उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. दिल्ली प्रशासन ने फिलहाल 168 अस्थायी लाइसेंस जारी किए हैं जो केवल स्वीकृत हरित पटाखे बेच सकते हैं।

प्रशासन की निगरानी और पुलिस की सख्त तैयारी

दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने संयुक्त गश्त शुरू कर दी है ताकि किसी भी नियम उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। उन क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है जहाँ पहले भी नियम तोड़े गए थे जैसे लक्ष्मी नगर, त्रिलोकपुरी, शाहदरा और करावल नगर. अधिकारियों का कहना है कि केवल क्यूआर कोड वाले प्रमाणित पटाखों को ही अनुमति मिलेगी और बाकी सभी उत्पाद जब्त किए जाएंगे। दिवाली के बाद बचा हुआ स्टॉक दो दिनों में लौटाना या नष्ट करना अनिवार्य है।

जिम्मेदारी से मनाएं त्योहार: दिल्ली सरकार

इधर दिल्ली सरकार और CPCB ने नागरिकों से अपील की है कि वे दिवाली को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाते हुए मनाएं। लोगों से कहा गया है कि वे केवल हरित पटाखों का इस्तेमाल करें, मास्क पहनें और जितना संभव हो घर के भीतर प्रदूषण कम रखें। साथ ही, दिवाली के बाद कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाने की भी सलाह दी गई है।

विशेषज्ञों की चेतावनी- प्रदूषण को और बढ़ा सकता है

पर्यावरण वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस समय हवा की गति बहुत धीमी है और तापमान घट रहा है, जिससे प्रदूषक हवा में ऊपर नहीं जा पाते। वायु प्रदूषण विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति अगले कुछ दिनों में स्मॉग की परत को और गाढ़ा कर सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह अवधि बेहद कठिन साबित हो सकती है।

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