दिल्ली की राजधानी में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि प्रत्येक स्कूल की फीस बढ़ोतरी की जांच की जाएगी. उन्होंने अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि बच्चों के साथ फीस के संबंध में किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

शिक्षा मंत्री ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि सभी निजी स्कूलों का ऑडिट किया जाएगा. सूद ने स्पष्ट किया कि जिन स्कूलों ने अनियमित तरीके से फीस बढ़ाई है, उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक 600 से अधिक निजी स्कूलों का ऑडिट किया जा चुका है. बिना अनुमति फीस बढ़ाने के मामले में 11 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनकी मान्यता वापस लेने और प्रबंधन पर नियंत्रण स्थापित करने की बात शामिल है. ऑडिट की यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी.

AAP पर निशाना साधा : शिक्षा मंत्री ने फीस वृद्धि के मुद्दे पर पूर्व की आप सरकार पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बेरोजगार नेता स्कूलों के संबंध में भ्रम उत्पन्न कर रहे हैं. उनका कहना था कि आप की रणनीति केवल आरोप लगाना और फिर भाग जाना है. सूद ने ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से यह सवाल किया कि डीपीएस के बारे में जो बयान वे दे रहे हैं, उसके संदर्भ में उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके कार्यकाल में इस स्कूल के खिलाफ क्या कदम उठाए गए थे. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में फीस वृद्धि का मुद्दा नया नहीं है, यह हर साल उठता है, लेकिन पूर्व सरकारों ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पिछली सरकार को यह बताना चाहिए कि उन्होंने कितने स्कूलों का ऑडिट कराया था.

मंत्री सूद ने बताया कि DPS द्वारका का मामला न्यायालय में चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के गठन के बाद जिला अधिकारी ने स्कूल का निरीक्षण करने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग किया है. सूद ने यह दावा किया कि इस निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर डीपीएस के टेकओवर की मांग की गई है.

डमी स्कूलों पर भी कार्रवाई

शिक्षा मंत्री ने यह जानकारी दी कि दिल्ली में कई नकली स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिन पर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है और इसके बारे में विस्तृत जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी. इसके अतिरिक्त, वर्दी और किताबों के नाम पर हो रही वसूली की भी जांच की जा रही है. दूसरी ओर, अभिभावक स्कूल प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगा रहे हैं और सरकार से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी किया गया.