दिल्ली विधानसभा चुनाव(Delhi Election) के दौरान जोरों पर चल रहे प्रचार के बीच दिल्ली पुलिस(Delhi Police) के सूत्रों का कहना है कि चुनाव के दौरान कई नेताओं को निशाना बनाया जा सकता है. एजेंसी का कहना है कि माहौल को बिगाड़ने के लिए नेताओं को निशाना बनाया जा सकता है. जिसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री समेत कई नेता शामिल हो सकते हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) की सुरक्षा को लेकर एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. केंद्र सरकार या आम आदमी पार्टी(AAP) ने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है. 2014 में भी खुफिया विभाग केजरीवाल पर हमले को लेकर आगाह कर चुका है.

रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया सूचना मिली है कि खालिस्तान संगठन से जुड़े लोग केजरीवाल पर हमला कर सकते हैं. अलर्ट में कहा गया है कि दो-तीन लोगों का एक हिट स्क्वॉड दिल्ली की ओर चला गया है, जो पंजाब में देखा गया था.

सूत्रों ने कहा, “इस प्लॉट के पीछे पाकिस्तान का ISI है, जिसका मकसद दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था और सद्भावना को खत्म करना है. यह ह्यूमन इंटेलीजेंस हैं और हम और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.”

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2014 में, केजरीवाल को इंडियन मुजाहिदीन ने अपहरण करने का खतरा बताया गया था, क्योंकि वे अपने प्रमुख यासीन भटकल की रिहाई के लिए जेल में बंद थे. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी, और उन्हें स्याही फेंके जाने और थप्पड़ लगने सहित कई घटनाओं का शिकार किया गया था.

उन्हें मई 2019 में मोती नगर में भी निशाना बनाया गया था; अप्रैल 2014 में एक ऑटो चालक को थप्पड़ मारना; जनवरी 2016 में स्याही फेंकना; और अप्रैल 2016 में एक व्यक्ति ने केजरीवाल पर जूता फेंका था.

सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल की सुरक्षा कर रहे 63 लोग हैं. पायलट, एस्कॉर्ट, सुरक्षा दल, होम गार्ड और स्पॉटर इसमें शामिल हैं. इस व्यवस्था में 47 लोग हैं, जिसमें 15 CAPF जवान शामिल हैं. तिहाड़ जेल में रहते हुए भी उनकी सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव कर उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा दी गई. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, दूसरी ओर, प्रोटोकॉल के तहत Z प्लस सुरक्षा मिली हुई है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो गई है. 5 फरवरी को एक ही चरण में सभी 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे. चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेता शामिल हैं.