दिल्ली की वर्तमान इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति (EV Policy) को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे नई ईवी नीति 2.0 को लागू करने का और समय मिल गया है. यह निर्णय दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन नीति तब तक प्रभावी रहेगी जब तक नई नीति लागू नहीं हो जाती.

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पंकज सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि वर्तमान नीति के अनुसार ऑटो-रिक्शा या किसी अन्य प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का कोई विचार नहीं है. उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति अगले तीन से चार महीनों तक बनी रहेगी. दिल्ली सरकार के इस निर्णय से संबंधित उद्योग के कई लोगों ने राहत की अनुभूति की है.

नई पॉलिसी की हो रही समीक्षा

इस समय, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0 के ड्राफ्ट की समीक्षा की जा रही है. इस नई नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ड्राफ्ट में दोपहिया, तिपहिया, ऑटो-रिक्शा, मालवाहन, बसें और नगरपालिका वाहन भी शामिल हैं. वर्तमान में, सरकार इस मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले एक बार फिर से विचार कर रही है.

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चार्जिंग इंफ्रा पर फोकस

नई दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के मसौदे के अनुसार, शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की योजना बनाई गई है. सिरसा ने अपने बयान में उल्लेख किया कि उनका उद्देश्य चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग अवसंरचना को सुधारना और इसे लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाना है. 2030 तक, उनका लक्ष्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जिंग सुविधाओं की 100 प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करना है.

क्या है नई EV Policy 2.0 के ड्राफ्ट में

नए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (Electric Vehicles Policy 2.0) के मसौदे में उल्लेख किया गया है कि दिल्ली में 15 अगस्त से CNG ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा. 10 वर्ष से अधिक पुराने सभी सीएनजी ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करना अनिवार्य होगा, जिसका अर्थ है कि इन पुराने ऑटो में बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर के साथ EV कन्वर्जन किट लगवाना आवश्यक होगा. इसके अलावा, माल-वाहक के रूप में उपयोग होने वाले CNG तिपहिया वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा.

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स्कूटर-बाइक पर भी रोक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी है कि प्रस्तावित मसौदे के तहत अगस्त 2026 से गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, जैसे स्कूटर और बाइक, के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगाने की योजना है. इसका मतलब यह है कि अगले साल अगस्त से दिल्ली में पेट्रोल, डीजल या CNG से चलने वाले दोपहिया वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जा सकेगा.

तीसरी कार होगी इलेक्ट्रिक

इस नीति के मसौदे में निजी कार मालिकों के लिए भी दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं. दिल्ली में कई लोग एक से अधिक चारपहिया वाहन रखते हैं. इस स्थिति में प्रदूषण को नियंत्रित करने और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक नया नियम लागू करने की योजना बना रही है. एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव के तहत दिल्ली के प्रत्येक घर में खरीदी जाने वाली तीसरी निजी कार इलेक्ट्रिक वाहन होनी चाहिए. इसका मतलब है कि जिनके पास पहले से दो कारें हैं और वे तीसरी कार खरीदने की सोच रहे हैं, उन्हें इलेक्ट्रिक कार ही खरीदनी होगी.