अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति के मामले में सेशंस कोर्ट द्वारा जारी समन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। निचली अदालत ने उन्हें दो समन जारी किये थे जिन्हें उन्होंने चुनौती दी थी लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. ये समन सितंबर 17, 2024 को मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद जारी किए गए थे.
क्या है पूरा मामला ?
ये समन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा ईडी की शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद जारी किए गए थे. ED ने कोर्ट में ये शिकायतें केजरीवाल के कथित बार-बार समन देने के बावजूद पेश न होने को लेकर दायर की थीं. ये समन ईडी की उस जांच के दौरान जारी किए गए थे जो अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही है.
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 जुलाई को आप नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य से आबकारी नीति में सीबीआई से जुड़े मामले में जबाव मांगा. सीबीआई की तरफ से दायर एक याचिका में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एजेंसी को कुछ अप्रमाणित दस्तावेजों का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था.
13 सितंबर 2024 को मिली बेल
21 मार्च 2024 को अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद 26 जून 2024 को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था. 20 जून 2024 को ईडी वाले केस में और 13 सितंबर 2024 को सीबीआई वाले केस में उन्हें जमानत मिली और वो तिहाड़ से बाहर आए. इसके पहले उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मिली थी.
सीबीआई कथित अनियमितताओं की कर रही जांच
बता दें कि सीबीआई आबकारी नीति के निर्माण में हुए कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. वहीं ईडी इस मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. दिल्ली में नवंबर 2021 में आबकारी नीति लागू की गई थी.
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