नई दिल्ली . मंत्रियों के विभागों में फेरबदल को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी में तकरार बढ़ गई है. राज्य सरकार का आरोप है कि एलजी फेरबदल के प्रस्ताव की फाइल रोककर बैठे हैं. उधर, उपराज्यपाल कार्यालय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जिस दिन फाइल भेजी गई थी, उसे हस्ताक्षर कर लौटा दिया गया था.

पांच दिन से इंतजार दिल्ली सरकार का कहना है कि कैबिनेट में फेरबदल के प्रस्ताव की फाइल चार दिन पहले भेजी गई थी. गुरुवार को यह फाइल भेजे पांच दिन हो गए हैं, लेकिन एलजी ने अभी तक फाइल मंजूर नहीं की है. जबकि ऐसे मामले में पहले के एलजी तत्काल फैसला लेते थे. गुरुवार देर शाम तक दिल्ली सरकार का दावा था कि उन्हें फाइल नहीं मिली है.

दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंत्रियों के विभागों में बड़ा फेरबदल करने जा रहे हैं. दिल्ली सरकार परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से तीन अहम मंत्रालय (वित्त, योजना,राजस्व) विभाग अब आतिशी को देने जा रही है. इसके साथ ही आतिशी अब शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, वित्त, ऊर्जा और राजस्व विभाग के साथ केजरीवाल सरकार में नंबर दो पर पहुंच जाएंगी.

गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन के इस्तीफे के बाद मार्च में आतिशी और सौरभ भारद्वाज को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. आतिशी के पास बिजली, शिक्षा, कला संस्कृति और भाषा, पर्याटन, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण, तकनीकी शिक्षा और जनसंपर्क विभागों का प्रभार है. मंत्रिमंडल में इस संभावित फेरबदल के बाद आतिशी को कुल 12 विभागों का प्रभार मिलने की संभावना है. फिलहाल वित्त, योजना और राजस्व विभाग कैलाश गहलोत के पास हैं.

आतिशी का कद बढ़ेगा

बदलाव के बाद आतिशी के पास शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, वित्त, ऊर्जा, राजस्व और योजना विभाग समेत कुल 11 विभाग हो जाएंगे. इसके बाद कैलाश गहलोत के पास परिवहन, कानून व गृह समेत कुल छह विभाग बचेंगे. सौरभ भारद्वाज के पास सात विभाग, गोपाल राय के पास तीन, इमरान हुसैन के पास कुल दो और राजकुमार आनंद के पास श्रम, रोजगार समेत कुल सात विभाग होंगे.

अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मुफ्त सुविधा पर की गई टिप्पणी को लेकर भी उन पर निशाना साधा और कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी के मेहनतकश लोगों का अपमान नहीं करें. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित ‘दिल्ली 2041 – न्यू मास्टर प्लान’ नामक एक कार्यक्रम में बुधवार (28 जून) को सक्सेना ने कहा था कि दिल्ली के लोग अब मुफ्त चीजों के आदी हो गए हैं.