दिल्ली सरकार ने श्रमिकों और छोटे व्यापारियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए श्रम सुधारों की दिशा में कई ठोस और प्रभावी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने कहा कि सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि राजधानी में श्रमिकों को सम्मानजनक कार्य-परिस्थितियां, व्यापक सामाजिक सुरक्षा और बेहतर रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजधानी में रोजगार क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही नियोक्ताओं के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा, सुरक्षित परिवहन और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन श्रम सुधारों से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि महिलाओं की भागीदारी और आत्मनिर्भरता को भी मजबूती मिलेगी।

 ‘दिल्ली सरकार श्रमिकों के साथ’

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार श्रमिकों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि श्रमिक हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनके हितों की रक्षा करना सरकार की न केवल जिम्मेदारी, बल्कि नैतिक दायित्व भी है। सीएम ने बताया कि सरकार ऐसे फैसले ले रही है, जिनसे श्रमिकों को राहत मिले, रोजगार के अवसर बढ़ें और छोटे व्यापारियों को भी सुगमता से काम करने का मौका मिल सके।

24×7 दुकानों को खुला रखने की अनुमति

उन्होंने बताया कि श्रमिकों और कामकाजी वर्ग को राहत देने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने कई अहम फैसले लागू किए हैं। इसके तहत राजधानी में शराब की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को 24×7 खुले रखने की अनुमति दी गई है। सीएम ने कहा कि इस फैसले से व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। साथ ही छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए पंजीकरण और नवीनीकरण की प्रक्रियाओं को सरल किया गया है, ताकि उन्हें अनावश्यक कागजी जटिलताओं से छुटकारा मिल सके।

लेबर कोड के प्रावधान प्रभावी ढंग से लागू

मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रम कानूनों को सरल बनाते हुए लेबर कोड के प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू किया गया है, जिससे ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है, जिसके तहत वे गर्मियों में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक और सर्दियों में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कार्य कर सकेंगी। इस फैसले के तहत दुकानों और प्रतिष्ठानों पर लगे प्रतिबंध हटाए गए हैं। हालांकि महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए नियोक्ताओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था, सुरक्षित परिवहन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है।

श्रमिकों के हित में निर्णय

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में श्रमिकों और मेहनतकश वर्ग के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों से प्रेरित हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने हमेशा श्रमिकों के सम्मान, सामाजिक सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत की नींव में मजदूरों की अहम भूमिका को रेखांकित किया है। सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार इन्हीं विचारों से प्रेरणा लेते हुए श्रमिकों के हित में लगातार फैसले ले रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के साथ-साथ इज़ ऑफ़ लिविंग सुनिश्चित करना भी उतना ही ज़रूरी है, ताकि श्रमिक स्वयं को दिल्ली का हिस्सा महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि श्रमिक-हितैषी नीतियों से औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और राजधानी में समावेशी व संतुलित विकास को मजबूती मिलेगी। सीएम ने दोहराया कि दिल्ली सरकार आगे भी श्रमिकों के कल्याण, सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए हर संभव कदम उठाती रहेगी, ताकि विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंच सके।

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