दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 1984 के सिख विरोधी दंगों के प्रभावित 36 और परिवारों को मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) के पद पर नियुक्ति पत्र सौंपे। दंगों के 41 साल बाद मिली यह सरकारी नौकरी पीड़ित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगी और उनके पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ उनके कैबिनेट सहयोगी मनजिंदर सिंह सिरसा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि “1984 सिख दंगा पीड़ितों और उनके आश्रितों को हमारी सरकार द्वारा दी गई सरकारी नौकरी उन्हें आर्थिक संबल देने के साथ-साथ सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करती है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का उद्देश्य उन परिवारों को स्थायी सहारा देना है, जो दशकों से न्याय और पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह केवल नौकरी प्रदान करने का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि उन परिवारों के लंबे इंतजार और संघर्ष को सम्मान देने की एक ठोस पहल है। 1984 का सिख विरोधी दंगा हमारे इतिहास का बेहद दर्दनाक अध्याय रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीड़ित परिवारों को न्याय और सम्मान दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं। उसी भावना को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार प्रभावित परिवारों को सम्मानजनक आजीविका और सुरक्षित भविष्य उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
सीएम ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर लाल किले पर आयोजित समागम हमारे लिए सेवा और कर्तव्य निभाने का अवसर था। आज उसी सेवा के प्रति परिवारों से मिला स्नेह और सम्मान मेरे लिए अत्यंत भावुक क्षण रहा।
कुछ महीने पहले 19 परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे और आज 36 और परिवारों को नौकरी प्रदान की गई है। ये नियुक्तियां इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें सम्मान के साथ आगे बढ़ने का हर अवसर दे रही है। सीएम ने कहा कि यह कोई मदद नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है। यह औपचारिकता नहीं, सम्मान है और अतीत की पीड़ा को याद रखते हुए भविष्य को सुरक्षित करने का एक सच्चा प्रयास है।
मंत्री सिरसा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि आज दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1984 सिख दंगा प्रभावित परिवारों को एमटीएस पदों के नियुक्ति पत्र सौंपे। यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ महीने पहले 19 परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे और आज 36 और परिवारों को नौकरी प्रदान की गई है। यह कदम इन परिवारों को सम्मानजनक और स्थिर जीवन की दिशा में आगे बढ़ाने का सरकार का एक संवेदनशील प्रयास है।
उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने 1984 की हिंसा में अपने प्रियजनों को खोया और वर्षों तक पीड़ा व अन्याय झेला, उनके लिए यह नियुक्तियां केवल रोजगार नहीं, बल्कि सरकार की संवेदना, न्याय और नैतिक जिम्मेदारी का प्रतीक हैं। सिरसा ने कहा कि वर्तमान सरकार पीड़ित परिवारों को सम्मान, सुरक्षा और नई उम्मीद देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसे मानवता और न्याय की पुनर्स्थापना की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया।
सिरसा ने कहा कि उनका कांग्रेस और गांधी परिवार से सीधा सवाल है कि जो नेता प्रतिदिन तख्तियां लेकर संसद पहुँचते हैं, क्या उन्होंने कभी यह सोचा कि 1984 सिख विरोधी दंगों के आरोपी कमलनाथ और जगदीश टाइटलर जैसे लोग आज भी उनकी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं? उन्होंने कहा कि पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस त्रासदी को स्वीकार किया था और आज की कांग्रेस उन व्यक्तियों को महत्व देकर गलत संदेश दे रही है। सिरसा ने कहा कि एक ओर दिल्ली सरकार पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम कर रही है, जबकि दूसरी ओर कांग्रेस ऐसे लोगों के साथ खड़ी दिखती है। उन्होंने कहा कि देश यह सब देख रहा है।
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