नई दिल्ली। प्रदूषण के मामले में भारत विश्व के अव्वल देशों में शामिल है. वहीं दिल्ली का हाल तो सबसे बुरा है. आईक्यूएयर और ग्रीनपीस साउथ ईस्ट एशिया एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में साल 2020 में वायु प्रदूषण के चलते हजारों लोगों की असमय मौत हुई है. पिछले साल कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के बावजूद हमारा देश प्रदूषण के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर रहा था.
दिल्ली में प्रदूषण का खतरनाक स्तर
दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) इतना होता है कि लोगों को साफ हवा मुहैया ही नहीं है. यहां तक कि वहां के कई लोगों को सांस की बीमारी, दमा, स्किन संक्रमण जैसी समस्या हो गई है. अब प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार विंटर एक्शन प्लान तैयार करने जा रही है, क्योंकि सर्दियों के मौसम में पॉल्यूशन यहां पर और अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है.
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दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान
अगले सप्ताह से इस पर काम शुरू होने की संभावना है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Delhi Environment Minister Gopal Rai) ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से भी बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है. ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात कर प्लान तैयार किया जाएगा.
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गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड के मौसम में प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है. इसके कई कारण हैं. इसमें वाहन और धूल प्रदूषण तो शामिल है ही, लेकिन पराली जलाना भी बड़ी वजह है. उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात कर उन्हें सरकार द्वारा उठाए गए अब तक के कदमों की जानकारी दी जाएगी. सभी राज्यों के लिए एक संयुक्त कार्ययोजना बनाने की भी मांग की जाएगी, ताकि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी जा सके.
बायो डी-कंपोजर को अन्य राज्यों को भी अपनाने की जरूरत
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पराली को खेत में ही गलाने के लिए पिछले साल पूसा इंस्टीट्यूट के माध्यम से बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया गया था और इसके काफी अच्छे रिजल्ट्स मिले थे. उन्होंने कहा कि खेती प्रधान राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को बायो डी-कंपोजर को लेकर पहल शुरू करनी चाहिए, ताकि पराली की समस्या से निजात पाई जा सके.
गौरतलब है कि दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए लालबत्ती ऑन-गाड़ी ऑफ अभियान चलाया गया था. ऑड-ईवन और कार पूल जैसी कोशिशें भी की जा चुकी हैं.