दिल्‍ली सरकार राजधानीवासियों के लिए एक अलग तरह की रामलीला आयोजित करवा रही है. यह रामलीला खास इसलिए है क्‍योंकि ये रामलीला उर्दू में करवाई जा रही है. दिल्‍ली में शुरू हो रहे “उर्दू विरासत महोत्‍सव” में उर्दू रामलीला का मंचन होगा. यह प्रदर्शन हुमायूं के मकबरे के निकट नई दिल्ली की सुंदर नर्सरी में होगा . उर्दू रामलीला का मंचन 22 फरवरी से शुरू हो रहे उर्दू विरासत महोत्‍सव के दौरान 24 फरवरी को होगा.

‘दास्तान-ए-रामायण: उर्दू में रामलीला’ शीर्षक से , हिंदू महाकाव्य रामायण का मंचन 24 फरवरी को नाट्य समूह श्री श्रद्धा रामलीला द्वारा किया जाएगा. विभाग के अनुसार, ‘उर्दू रामलीला’ का वर्णन किया जाएगा.  एक अनोखे मोड़ के साथ भगवान राम की रावण पर विजय की कथा .

बता दें दिल्‍ली में इससे पहले भी उर्दू रामलीला हो चुकी है. वर्ष 2018 में भी उर्दू रामलीला आयोजित की गई थी. 2028 में उर्दू रामलीला का आयोजन जिम्‍मा फरीदा के श्रद्दा रामलील ग्रुप को सौंपा गया था, इस बार भी सरकार ने उर्दू में रामलीला करवाने की जिम्‍मेदारी इन्‍हीं को सौंपी है.

इसका आयोजन दिल्‍ली सरकार के कला और संस्‍कृति विभाग और उर्दू अकादमी के उर्दू विरासत उत्‍सव के तहत किया जा रहा है. 22 फरवरी से शुरू हो रहे ‘उर्दू विरासत उत्सव’ के तहत होगा. 24 फरवरी को नाट्य समूह श्री श्रद्धा रामलीला ‘दास्तान-ए-रामायण: उर्दू में रामलीला’ का मंचन करेगा जिसका मकसद दोनों संस्कृतियों के साझा मूल्यों का जश्न मनाना है.

विभाग ने बताया कि उर्दू में रामलीला भगवान राम की रावण पर जीत की पौराणिक कहानी पर मंचन होगा, जिसमें दर्शकों को रोचक मोड़ भी देखने को मिलेगा. उर्दू रामलीला एक आदर्श भाषाई मिश्रण है जो हिंदी की सुंदरता और उर्दू की परिष्कार को जोड़ती है.