दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या की जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार यमुना से अधिक जल निकासी की योजना बना रही है. इस संदर्भ में, दिल्ली सरकार 1994 के समझौते में आवश्यक संशोधन करेगी. दिल्ली जल बोर्ड ने पानी के संग्रहण को बढ़ाने के उद्देश्य से यमुना और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में तीन जल भंडारण स्थलों का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया है. दिल्ली के जल स्रोत यमुना के संबंध में 1994 में एक समझौता हुआ था, जब दिल्ली की जनसंख्या एक करोड़ थी. वर्तमान में यह संख्या 2.50 करोड़ तक पहुँच चुकी है, फिर भी यमुना से प्राप्त जल की मात्रा वही बनी हुई है.

सरकार कच्चे पानी के भंडारण की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली के निवासियों को अधिक पानी उपलब्ध होगा. यह कदम पानी की मांग और आपूर्ति के बीच 200 एमजीडी के अंतर को समाप्त करने में सहायक होगा, साथ ही जल आपूर्ति में सुधार भी होगा. वर्तमान में यमुना जल बोर्ड के लिए मुख्य जल स्रोत है. दिल्ली को 1250 एमजीडी से अधिक जल की आवश्यकता है, जबकि विभिन्न स्रोतों से केवल 990 एमजीडी कच्चा पानी प्राप्त हो रहा है. इसके अतिरिक्त, जल बोर्ड भूजल का उपयोग करके भी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करता है.

यमुना नदी की सफाई के लिए खजाना खोला

दिल्ली सरकार ने यमुना को प्रदूषण मुक्त करने और सार्वजनिक परिवहन के विकास के लिए 3247 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है, जिसमें से लगभग 3140 करोड़ रुपये यमुना की सफाई पर खर्च किए जाएंगे. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई व्यय एवं वित्त समिति की बैठक में इस विषय पर विस्तृत चर्चा के बाद, सरकार ने डी-सेट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग स्टेशनों की योजना को स्वीकृति दी. इसके साथ ही, नरेला में नई जेल के निर्माण के लिए 148 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी गई. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, डॉ. पंकज सिंह सहित अन्य मंत्री भी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ने बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया. द्वारका के DTC, ISBT और क्लस्टर बस डिपो में इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए ₹107.02 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है. इस योजना के अंतर्गत, द्वारका सेक्टर-22 में क्लस्टर डिपो-1 और क्लस्टर डिपो-2, साथ ही सेक्टर-22 द्वारका के आईएसबीटी और सेक्टर-8 द्वारका के डीटीसी डिपो में चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा.

यहां एसटीपी प्लांट स्थापित किए जाएंगे: वाजिदपुर ठकरान, मुंडका, नरेला, बवाना, औचंदी, ताजपुर खुर्द, कंझावला, मजरी, घेवड़ा, जौनापुर, बिजवासन, सलाहपुर, पंजाब खोर, कुतुबगढ़, टिकरी कलां, मोहम्मदपुर मजरी, निजामपुर, जौंती और बवाना.

18 महीने में काम पूरा करने का लक्ष्य

रेखा गुप्ता ने जानकारी दी कि बैठक में दिल्ली के विकास के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है. ये निर्णय दिल्ली के सुधार में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे. उन्होंने बताया कि 27 डी-सेंट्रलाइज्ड एसटीपी के निर्माण के लिए 3140 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. यमुना नदी की सफाई के लिए यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें नालों के गंदे पानी का उपचार, सीवरेज नेटवर्क का विस्तार और आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना शामिल है. इन कार्यों को 18 महीनों के भीतर पूरा किया जाएगा.

यहां होगा जल भंडारण

1. रेणुका बांध: यमुना की सहायक गिरी नदी पर निर्माणाधीन इस परियोजना का कार्य प्रगति पर है, जिसे 2030 तक पूरा करने का उद्देश्य रखा गया है.

2. किशाऊ बांध: यह बांध 372 एमडीडी जल उपलब्ध कराएगा और उत्तरांचल में टॉस नदी पर स्थापित किया जा रहा है.

3. लखवार व्यासी बांध: इस परियोजना से दिल्ली को 135 एमजीडी जल प्राप्त होगा, और जल बोर्ड यूजेवीएन लिमिटेड को 7.79 करोड़ की पहली किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है.