दिल्ली के वाहन मालिकों को जल्द ही सालों से लंबित ट्रैफिक चालानों से बड़ी राहत मिल सकती है। रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) सरकार पुराने चालानों के भुगतान को प्रोत्साहित करने और राजस्व वसूली (Revenue Collection) में सुधार के लिए एक वन टाइम माफी योजना (One-Time Settlement Scheme) तैयार कर रही है। इस योजना के तहत बकाया चालानों पर 80% तक की छूट दी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव को बुधवार को दिल्ली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा तैयार किए गए इस प्रस्ताव में पिछले 10 वर्षों में जारी किए गए चालानों पर अलग-अलग श्रेणियों के अनुसार छूट दी जाएगी। प्राइवेट और कॉमर्शियल वाहनों के चालानों पर 60% तक की छूट मिलेगी। डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) बसों के लिए यह छूट 70% तक होगी। वहीं, टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहनों के चालानों पर 80% तक की राहत देने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद, इस माफी योजना से हजारों वाहन चालकों को लाभ मिलेगा, जिन पर नोटिस न मिलने या अदालती अपीलों में देरी जैसी प्रक्रियागत वजहों से सालों से जुर्माना बकाया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक दशक में करीब 5 करोड़ ट्रैफिक चालान जारी किए गए हैं, जिनमें से अब तक सिर्फ 2.7% की ही वसूली हो सकी है। लगभग 97% चालान अब भी लंबित हैं।
17 लाख चालानों में से 24.8% का ही भुगतान
वहीं, परिवहन विभाग द्वारा खुद जारी किए गए चालानों के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में काटे गए 17 लाख चालानों में से केवल 24.8% का ही भुगतान हुआ है, जबकि करीब 75% चालान अब भी अनभुगतानित हैं। सरकार का मानना है कि इस आम माफी अभियान (Amnesty Scheme) से न केवल बकाया राशि का एक बड़ा हिस्सा वसूल किया जा सकेगा, बल्कि इससे ‘नॉन टैक्स रेवेन्यू’ (गैर-कर राजस्व) में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना का मकसद केवल लोगों को राहत प्रदान करना ही नहीं, बल्कि अनुपालन (Compliance) में सुधार लाना और वर्षों से लंबित चालानों की वसूली करना भी है। उनके अनुसार, “यह पारदर्शी और एकमुश्त निपटान प्रक्रिया अदालतों पर बोझ कम करने में मदद करेगी। साथ ही यह लोगों को अपने पेंडिंग जुर्माने का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और इससे सरकारी खजाने में भी वृद्धि होगी।”
कब तक मिलेगी छूट
अगर इस योजना को मंजूरी मिल जाती है, तो यह संभावित रूप से 45 से 60 दिनों की सीमित अवधि के लिए लागू की जाएगी। इस दौरान वाहन मालिक अपने पेंडिंग जुर्माने का भुगतान ऑनलाइन (दिल्ली सरकार के परिवहन पोर्टल) के माध्यम से या निर्धारित सुविधा केंद्रों पर जाकर कर सकेंगे।
यह कदम ट्रैफिक फाइन के डिजिटलीकरण और ई-अदालतों की दिशा में उठाए गए हालिया प्रयासों के बाद आया है। अधिकारियों के मुताबिक, स्वचालन (Automation) से पारदर्शिता तो बढ़ी है, लेकिन चालानों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है. जिनमें से कई या तो विवादित हैं या अब तक भुगतान नहीं हुए हैं। अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस योजना से सरकार पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसके लिए किसी अतिरिक्त बजट आवंटन की आवश्यकता नहीं है। बल्कि, इससे प्राप्त राजस्व से सरकारी खजाने को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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