दिल्ली सरकार ने शहर के पांच जिलों में ‘मिनी सचिवालय’ बनाने की योजना में तेजी ला दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की इस महत्वाकांक्षी पहल का मकसद है कि दिल्लीवासी सरकारी सेवाओं के लिए अलग-अलग दफ्तरों में इधर-उधर न भटकें। इन मिनी सचिवालयों को आईटीओ के दिल्ली सचिवालय की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है, ताकि एक ही जगह पर सारी जरूरी सरकारी सेवाएं उपलब्ध हों। अधिकारियों का कहना है कि इससे नागरिकों को समय की बचत होगी और सरकारी कामकाज में सुव्यवस्था और पारदर्शिता आएगी।

5 जिलों में शुरू हुआ काम

राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “पांच जिलों में नींव पड़ चुकी है, जबकि बाकी छह जिलों—पूर्वी, उत्तर-पूर्वी, दक्षिण-पश्चिमी, मध्य, उत्तर-पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी—में जमीन तलाशने का काम तेजी से चल रहा है।” पहले चरण के ये प्रोजेक्ट अगले चार से पांच महीनों में तैयार हो सकते हैं। खास बात यह है कि कांझावाला, द्वारका और साकेत में निर्माण कार्य सबसे तेज गति से चल रहा है, जबकि शाहदरा में जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के पास बन रहा सचिवालय भी जल्द पूरा होने की कतार में है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की इस पहल का उद्देश्य है कि आम आदमी को सरकारी कामकाज के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े। हर मिनी सचिवालय में निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध होंगी राजस्व, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास जैसे विभागों के जिला-स्तरीय कार्यालय, जन सुविधा केंद्र, डिजिटल सेवा कियोस्क और शिकायत निवारण काउंटर, ताकि नागरिकों को एक ही जगह पर सभी सरकारी सेवाएं मिल सकें।  डिजिटल कतार प्रणाली, एकीकृत दस्तावेज सत्यापन काउंटर और कल्याण योजनाओं के लिए पंजीकरण डेस्क, वेटिंग लाउंज, कैफेटेरिया और नागरिक सुविधा हॉल.

आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे ये सचिवालय

सिर्फ सेवाओं तक सीमित नहीं, ये मिनी सचिवालय आधुनिक तकनीक और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं के साथ तैयार किए जा रहे हैं। इनमें सौर ऊर्जा प्रणाली, पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सामग्री और दिव्यांगों के लिए बाधा-मुक्त पहुंच जैसी विशेषताएं होंगी।

क्या होगा खास?

ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेल्फ-सर्विस कियोस्क, ताकि नागरिक आसानी से सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकें और कागजी कामकाज कम हो. ये सचिवालय सौर ऊर्जा प्रणाली, पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सामग्री और दिव्यांगों के लिए बाधा-मुक्त पहुंच जैसी आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार किए जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम चाहते हैं कि दिल्लीवासियों को छोटे-छोटे कामों के लिए आईटीओ सचिवालय या कई दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। ये मिनी सचिवालय हर जिले में एक कन्वर्जेंस पॉइंट की तरह काम करेंगे।”

अगले वित्तीय वर्ष तक शुरू होंगे पहले केंद्र

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि जिन पांच जिलों में जमीन आसानी से उपलब्ध थी, वहां काम शुरू हो चुका है और अगले वित्तीय वर्ष से पहले इन केंद्रों को शुरू करने का लक्ष्य है। बाकी छह जिलों के लिए राजस्व विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए मिलकर जमीन का चयन कर रहे हैं।

दिल्ली सचिवालय पर बोझ होगा कम

इस पहल से आईटीओ सचिवालय पर भीड़ कम होगी, स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों के बीच बेहतर समन्वय होगा और दिल्लीवासियों को सरकारी सेवाओं में समय की बचत और बेहतर अनुभव मिलेगा। तो तैयार हो जाइए, क्योंकि दिल्ली में सरकारी सेवाएं अब आपके दरवाजे के और करीब आ रही हैं।

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