दिल्ली सरकार राजधानी में गरीबों, श्रमिकों और जरूरतमंद लोगों के लिए सस्ती दर पर भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। इसके लिए जल्द ही ‘अटल कैंटीन योजना’ की शुरुआत की जाएगी। इस योजना के तहत लोगों को मात्र 5 रुपये में गरम, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस योजना की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर को की जाएगी। कैंटीनों में भोजन की गुणवत्ता, पोषण स्तर और स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लाभार्थियों को कम कीमत पर बेहतर भोजन मिल सके।

पहले चरण में 100 जगहों पर होगी शुरुआत

सरकार की योजना है कि पहले चरण में पूरे दिल्ली में 100 स्थानों पर कैंटीन केंद्र खोले जाएंगे। हर केंद्र पर सुबह और शाम दो वक्त भोजन परोसा जाएगा। प्रत्येक भोजन सत्र में करीब 500 थालियां उपलब्ध कराई जाएंगी। इस तरह एक कैंटीन में प्रतिदिन लगभग 1,000 लोगों को सस्ती दर पर खाना मिल सकेगा। सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर में कोई भी गरीब, मजदूर या आम नागरिक भूखा न रहे। इसके लिए भोजन की गुणवत्ता, पोषण और स्वच्छता की लगातार निगरानी की जाएगी। कैंटीनों को उन स्थानों पर स्थापित किया जाएगा जहाँ श्रमिक, रिक्शा चालक, राहगीर और कम आय वर्ग के लोग अधिक संख्या में आते हैं।

थाली में क्या-क्या आइटम होंगे?

जानकारी के मुताबिक, हर थाली में चावल, दाल, रोटी, सब्जी और अचार जैसी बुनियादी चीजें दी जाएंगी ताकि जरूरतमंदों को भरपेट और संतुलित भोजन मिल सके। भोजन पूरी तरह स्वच्छ और पौष्टिक होगा, और कैंटीन में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। योजना के संचालन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए डिजिटल टोकन सिस्टम और सीसीटीवी निगरानी लागू की जाएगी। इससे लाइन में खड़े लोगों को सुविधा तो मिलेगी, साथ ही भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की संभावना भी कम होगी।

सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर में कोई भी गरीब, मजदूर या आम नागरिक भूखा न रहे, और इसे लंबी अवधि में भूख और कुपोषण कम करने वाले प्रभावी उपाय के रूप में विकसित किया जाएगा।

मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वालों को फायदा

दिल्ली सरकार का कहना है कि यह योजना राजधानी में काम करने वाले मजदूरों, रिक्शा चालकों, रेहड़ी-पटरी वालों और उन लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद होगी जो रोज़गार की तलाश में दूर-दराज़ से दिल्ली आते हैं। गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में लिया जाता है। उनकी सादगी, स्वच्छ राजनीति और गरीबों के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इस योजना का नाम ‘अटल कैंटीन योजना’ रखा गया है। सरकार का कहना है कि भविष्य में इस योजना को पूरे शहर में विस्तार दिया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक तंगी या भूख की वजह से परेशान न हो। दिल्ली को “भूख-मुक्त राजधानी” बनाने का यह उद्देश्य है।

विशेषज्ञों और आम लोगों का मानना है कि अगर योजना ठीक से लागू हुई, तो यह राजधानी में एक मानवीय और संवेदनशील बदलाव साबित होगी और जरूरतमंदों को सस्ते, पौष्टिक और सुरक्षित भोजन की नई उम्मीद देगी।

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