नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार दिल्ली के शहरी इलाकों में स्मार्ट अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा देगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को मंजूरी मिल गई. इससे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों का खेती के प्रति जुड़ाव भी बढ़ेगा और रोजगार में वृद्धि के साथ दिल्ली के हरित क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा. सरकार स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को जनभागीदारी से बढ़ावा देगी.
600 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अपने घर की खपत या बिजनेस करने के उद्देश्य से जो लोग छत या बालकनी में फल-सब्जियां उगाना चाहते हैं, उन्हें दिल्ली सरकार प्रशिक्षण देगी. स्मार्ट अर्बन फार्मिंग एक तरह से रोजगार उत्पन्न करने का भी एक साधन होगा. लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए बड़ी संख्या में विशेषज्ञ हायर किए जाएंगे और इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट से टाई-अप किया जाएगा. लोगों को जागरूक करने के लिए पूरी दिल्ली में 400 जागरूकता कार्यशाला और 600 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. हमें उम्मीद है कि इस पहल से पहले साल में दिल्ली के करीब 25,000 परिवारों को फायदा होगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि यह पहल अर्बन फार्मिंग और टैरेस गार्डनिंग स्कीम का हिस्सा है. स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल के तहत अर्बन फार्मिंग ट्रेनिंग वर्कशॉप और उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाना है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य अर्बन फार्मिंग के प्रति दिल्ली के लोगों में जागरूकता बढ़ाना है. साथ ही दिल्ली में ग्रीन जॉब के सृजन को बढ़ावा देना है. इसके तहत 40 मास्टर ट्रेनर्स और 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं, दिल्ली के लोगों के लिए इंडस्ट्री पार्टनर्स के माध्यम से 600 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 15 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद कैबिनेट ने योजना को अपनी मंजूरी दे दी.
अर्बन फार्मिंग से लोगों को सेहतमंद और ऑर्गेनिक सब्जियां मिलेंगी- अरविंद केजरीवाल
स्मार्ट अर्बन फार्मिंग रोजगार उत्पन्न करने का भी साधन
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर कोई गृहिणी छोटा-मोटा बिजनेस करना चाहती हैं, तो इससे उनके परिवार को कुछ अतिरिक्त आमदनी होगी. एक तरह यह रोजगार उत्पन्न करने का भी एक साधन होगा. स्मार्ट अर्बन फामिंग के लिए हम बड़े स्तर पर विशेषज्ञों को हायर कर रहे हैं.
स्मार्ट अर्बन फार्मिंग योजना का उद्देश्य
– दिल्ली के शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों का खेती से जुड़ाव बढ़ेगा.
– शहरी कृषि पद्धतियों पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण होगा.
– दिल्ली में खेती की जरूरतों पर प्रोत्साहन के साथ-साथ ज्ञान आदान-प्रदान होगा.
– दिल्ली के नागरिकों से लगातार जुड़ाव और बड़े पैमाने पर शहरी खाद्य आंदोलन को बढ़ावा मिलेगा.
– शहरी कृषि उद्यमिता विकास के लिए प्रशिक्षण की जरूरतें पूरी होंगी.
– आधुनिक शहरी खेती के विभिन्न पहलुओं के तहत ग्रीन जॉब में वृद्धि होगी.
अर्बन फार्मिंग के प्रति जागरूक करने के लिए लोगों को दी जाएगी ट्रेनिंग
दिल्ली सरकार जागरूकता कार्यशालाएं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के सहयोग से आयोजित करेगी. इसमें दो दिवसीय मास्टर ट्रेनर वर्कशॉप होगा. मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा दिल्ली भर में वार्ड स्तर पर 400 कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. प्रत्येक कार्यशाल में 25 प्रतिभागी शामिल होंगे. कार्यशाला के बाद साप्ताहिक ऑनलाइन सत्र आयोजित किए जाएंगे, ताकि लोग अपने संदेहों को स्पष्ट करने के लिए चर्चा कर सकें. इस कार्यशाला के तहत 40 मास्टर ट्रेनर और 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं, इंडस्ट्री पार्टनर्स की ओर से भी उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा. शहरी कृषि क्लस्टर विकसित करने के उद्देश्य से दिल्ली में 25 प्रतिभागियों की 600 कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. इस तरह क्लस्टर आधार पर करीब 15 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण अर्बन फार्मिंग के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने, ग्रीन जॉब्स के अवसर पैदा करने और अर्बन फार्मिंग के बुनियादी ढांचे के रखरखाव, मार्केटिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जाएगा.
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यह है अर्बन फार्मिंग ?
अर्बन फार्मिंग के तहत अगर पर्याप्त धूप उपलब्ध हो, तो लोग अपने घर की छतों पर फल, सब्जियां और पौधे उगा सकते हैं. अर्बन फार्मिंग से लोगों को उन खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों से बचने में मदद मिलेगी, जिनका वे दिन-प्रतिदिन उपभोग करते हैं. साथ ही इससे शहर में ग्रीन कवर को भी बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली सरकार का हार्टिकल्चर विभाग इस पहल का नोडल विभाग के रूप में काम करेगा.
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दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति का होगा गठन
स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल के तहत दिल्ली सरकार वार्ड स्तर पर लोगों को अर्बन फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण देगी. साथ ही व्यवस्थित तरीके से लोगो को इस अभियान से जोड़ने, उनको जागरूक करने और उनके ट्रेनिंग की निगरानी के लिए ‘दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति’ का गठन किया जाएगा. इस समिति में एनजीओ, आरडब्ल्यूए, पर्यावरण विशेषज्ञ, एमएलए और पार्षदों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके द्वारा वार्ड स्तर पर होने वाले प्रदूषण के कारणों और उसके निवारण का तंत्र तैयार करने में सहायता मिलेगी. अर्बन फार्मिंग के लिए लोगों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए दिल्ली सरकार एक सिस्टम तैयार करेगी, जिसके द्वारा लोगों को उनके एक कॉल पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी.
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