राजधानी दिल्ली में सर्दी के मौसम में बेघर और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। नियमित शेल्टर होम्स(shelter homes) के अलावा दिल्ली सरकार ने 250 नए आश्रय गृह तैयार कर लिए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति सर्द रातों में खुले में रहने को मजबूर न हो। सरकार का लक्ष्य है कि 15 नवंबर से 15 मार्च तक लागू रहने वाले विंटर एक्शन प्लान के तहत हर ज़रूरतमंद को सुरक्षित और गर्म स्थान उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस योजना में आधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे शेल्टर होम्स की क्षमता, संचालन और निगरानी बेहतर तरीके से की जा सके। सरकार का मानना है कि इससे न केवल बेघरों को राहत मिलेगी, बल्कि आश्रय गृहों का संचालन भी अधिक व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।
सर्दी में खुले आसमान के नीचे नहीं सोएगा बेघर
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार अन्त्योदय के सिद्धांत पर आगे बढ़ रही है और समाज के अंतिम व्यक्ति तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाना उसकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “गरीबों तक सरकार की पहुंच कम होती है, इसलिए हमारी सरकार खुद उनकी ओर बढ़ रही है। दिल्ली के शेल्टर होम केवल छत नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षा का प्रतीक होंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सर्दी में कोई भी बेघर खुले में न सोए।” मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) के तहत फिलहाल 197 शेल्टर होम संचालित हो रहे हैं। इनमें 153 पुरुषों के लिए 17 महिलाओं के लिए 19 परिवार एवं बच्चों के लिए और 8 विशेष श्रेणी (एचआईवी, टीबी, नशा मुक्ति आदि) के शेल्टर होम शामिल हैं। इन शेल्टरों में बिस्तर, गद्दे, कंबल, चादरें, बिजली, पीने के पानी की सुविधा, मच्छर नियंत्रण यंत्र, वॉटर कूलर जैसे प्रबंध किए गए हैं। महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सीसीटीवी कैमरे और महिला सुरक्षा कर्मी भी तैनात किए गए हैं। सरकार ने कहा है कि इस बार आधुनिक तकनीक और मॉनिटरिंग सिस्टम को भी योजना में शामिल किया गया है, ताकि आश्रय गृह सुचारू और पारदर्शी तरीके से संचालित हो सकें।
250 अस्थायी शेल्टरों की आधुनिक सिस्टम से निगरानी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि सर्दियों में बेघरों को राहत देने के लिए 250 अस्थायी शेल्टर तैयार कर लिए गए हैं। ये शेल्टर दिल्ली के 120 अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाएंगे, जिनमें लगभग 2,500 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी, ताकि कोई भी व्यक्ति जगह के अभाव में ठंड में रात गुजारने को मजबूर न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि बेघरों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान करने के लिए रेस्क्यू टीमें और एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक जीपीएस से लैस रेस्क्यू वैन दिल्ली की सड़कों पर गश्त करेंगी, जो बेघर लोगों को सुरक्षित रूप से शेल्टर होम तक पहुंचाएंगी। इस योजना में डिजिटल तकनीक का विशेष उपयोग किया गया है। ‘रैन बसरा’ मोबाइल एप की मदद से बेघर नागरिकों की लोकेशन रिपोर्ट की जाती है और उन्हें शेल्टर तक ले जाने में सहायता मिलती है। वहीं ‘नाइट शेल्टर इंस्पेक्शन एप (NSIA)’ के जरिए शेल्टर होम्स की रीयल-टाइम निगरानी और जीपीएस ट्रैकिंग के साथ निरीक्षण किया जा रहा है।
शेल्टरों में बुनियादी सुविधाओं पर भी होगा फोकस
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि शेल्टर होम्स की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक नई नीति लागू की है। इसके तहत शेल्टरों का संचालन करने वाली एजेंसियों के चयन में अब गुणवत्ता और लागत-आधारित मानकों को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी शेल्टरों का संचालन 24×7 किया जाएगा और साफ-सफाई, रखरखाव, अग्नि सुरक्षा, बिजली और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पूर्णतः संबंधित एजेंसी पर होगी। शेल्टरों में तैनात स्टाफ की आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
सरकार ने महिला और बच्चों के शेल्टरों को आंगनवाड़ी केंद्रों से जोड़ने का निर्णय भी लिया है, जिससे वहां रहने वाले लोगों को पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी सेवाएँ नियमित रूप से मिल सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि शेल्टरों की निगरानी और मूल्यांकन के लिए सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी, जॉइंट एपेक्स एडवाइजरी कमेटी (JAAC) और ड्यूसिब के मुख्य अभियंता की देखरेख में नियमित निरीक्षण किया जाता है। इसके साथ ही ड्यूसिब द्वारा सभी शेल्टरों में स्वच्छता, अग्नि सुरक्षा, कीट नियंत्रण और नियमित मरम्मत की निरंतर मॉनिटरिंग की जाती है।
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