दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप से उन कुछ मोबाइल नंबरों को इनएक्टिव करने का हुक्म दिया है, जिनके जरिये बगैर इजाजत ‘अपना कॉलेज’ से मुताल्लिक एजुकेशनल मटेरियल वितरित किया जा रहा था. जैनेमो प्राइवेट लिमिटेड के एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कई संस्थाओं को वादी की सामग्री को किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल मंच पर डाउनलोड करने, अपलोड करने, शेयर करने और बेचने पर पाबंदी लगा दी.

जैनेमो प्राइवेट लिमिटेड के इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कई संस्थाओं को वादी की पाठ्यक्रम सामग्री को किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड करने, अपलोड करने, शेयर करने और बेचने से रोक दिया है. बता दें कि जैनेमो प्राइवेट लिमिटेड एक प्राइवेट कंपनी है जो ‘अपना कॉलेज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से उम्मीदवारों को पाठ्यक्रम सामग्री प्रदान करता है और प्लेसमेंट प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित करती है.

न्यायमूर्ति सिंह ने माना कि वादी कॉपीराइट कानून के तहत पाठ्यक्रम सामग्री पर स्वामित्व रखता है और निर्देश दिया कि उल्लंघनकारी सामग्री से निपटने वाले व्हाट्सएप ग्रुप को अलग कर दिया जाए और कॉपीराइट का उल्लंघन करने वाले कार्यों वाले यूट्यूब चैनल को हटा दिया जाए.

अपना कॉलेज प्लेटफॉर्म ने तर्क दिया कि कई व्यक्ति और संस्थाएं मात्र 500 रुपये से 1,000 रुपये में छात्रों को बैचों में नामांकित करने की मांग करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप, यूट्यूब और टेलीग्राम चैनलों के माध्यम से इसका प्रिटेंड कोर्स उपलब्ध करा रहे हैं.

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