नई दिल्ली . विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद करने के खिलाफ राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जुलाई माह में विचार करेगा.

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष कहा कि वह याचिका पर विचार करने के पहलू पर अपना पक्ष पेश करेंगे. उच्च न्यायालय की न्यायाधीश ज्योति सिंह ने केन्द्र सरकार के वकील द्वारा याचिकाओं के स्वीकार्यता पर सवाल उठाए जाने के बाद दोनों याचिकाओं को 18 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए पंजीकरण रद्द करने पर केंद्र को नोटिस

हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण को रद्द करने के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.

याचिका ने सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. दोनों एनजीओ का नेतृत्व कांग्रेस नेता सोनिया गांधी कर रहीं हैं. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के साथ-साथ राहुल और प्रियंका राजीव गांधी फाउंडेशन के ट्रस्टी हैं. न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने सरकार को अपना जवाब 23 अगस्त तक दाखिल करने का निर्देश दिया.

केंद्र सरकार की ओर से एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनवरी 2023 में याचिका दायर की गई थी. मामला किसी न किसी कारण से स्थगित हो रहा. पीठ ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि उसने याचिका पर नोटिस जारी करने के लिए आठ सुनवाइयां की है. मामला गुरुवार को भी उठाया गया. हालांकि, केंद्र सरकार के वकील ने पासओवर मांगा, लेकिन पीठ ने कहा कि वह इस मामले में नोटिस जारी करेगी.